झारखंड
रांची के पीएचसी-सीएचसी स्तर पर मरीजों को पोर्टल के जरिए भेजी जाएगी जांच रिपोर्ट, इनका मुफ्त होगा टेस्ट
Renuka Sahu
23 July 2022 1:45 AM GMT
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फाइल फोटो
रांची जिला के विभिन्न प्रखंडों में मौजूद पीएचसी-सीएचसी स्तर पर मरीजों को अब पोर्टल के माध्यम से जांच रिपोर्ट भेजी जाएगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रांची जिला के विभिन्न प्रखंडों में मौजूद पीएचसी-सीएचसी स्तर पर मरीजों को अब पोर्टल के माध्यम से जांच रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके लिए सदर अस्पताल प्रबंधन ने सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया है। प्रखंड स्तर के सरकारी अस्पतालों से सैंपल को एकत्रित कर जांच के लिए सदर अस्पताल लाया जाएगा। सदर अस्पताल में सैंपल की जांच कर रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड कर दी जाएगी।
इसके बाद संबंधित अस्पताल से मरीज को रिपोर्ट प्रिंट कर दे दी जाएगी। अस्पतालों में भर्ती मरीजों की जांच नि:शुल्क की जाएगी। वहीं, ओपीडी के तहत आने वाले मरीजों को जांच के लिए पैसे का भुगतान करना होगा। ओपीडी में आने वाले आयुष्मान लाभुकों को भी नि:शुल्क जांच की सुविधा नहीं मिलेगी, क्योंकि मरीजों को आयुष्मान का लाभ तब मिलता है, जब वो भर्ती होते हैं। हालांकि जांच के लिए सीजीएचएस दर पर ही पैसे का भुगतान करना होगा।
सभी तरह की पैथोलॉजिकल जांच की मिलेगी सुविधा
इस सुविधा की शुरुआत हो जाने से प्रखंडों के सभी मरीजों को सभी तरह की पैथोलॉजिकल सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। दूसरे दिन ही मरीजों को जांच रिपोर्ट दे दी जाएगी। प्रखंड स्तर तक के अस्पतालों में जांच के लिए भुगतान हुए पैसे को सदर अस्पताल के आयुष्मान यूनिट को भेजना होगा। बता दें कि अस्पताल में दिया गया सैंपल एक टीम प्रतिदिन विभिन्न अस्पतालों से लेकर सदर अस्पताल पहुंचेगी। दूसरे दिन जांच की जाएगी। जांच कर टीम रिपोर्ट को सॉफ्टवेयर के माध्यम से पोर्टल में अपलोड कर देगी, जिसके बाद मरीज रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर रिपोर्ट प्राप्त कर सकेंगे।
मरीजों को नहीं जाना होगा निजी जांच केंद्र
यह सुविधा शुरू हो जाने से मरीजों को जांच के लिए निजी जांच केंद्र का रुख नहीं करना होगा। निजी केंद्रों में मनमानी दर पर जांच के लिए पैसे वसूले जाते हैं। साथ ही जांच की प्रामणिकता भी उतनी नहीं होती। सदर अस्पताल में मानक के आधार पर सैंपल की जांच की जाएगी, जिससे सही रिपोर्ट मिलेगी और रिपोर्ट के आधार पर इलाज शुरू हो सकेगा। वहीं अब किसी भी तरह की पैथोलॉजिकल जांच के लिए शहर नहीं आना होगा। जांच के लिए गांव से शहर आने में मरीजों को परेशानी होती थी।
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