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रांची (आईएएनएस)| रांची में स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी के 'निर्मल हृदय चैरिटी होम' से बच्चों की कथित तौर पर बिक्री की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर पीआईएल पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने इसे गंभीर मामला बताया है। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली बेंच ने गुरुवार को मौखिक तौर पर टिप्पणी की कि बच्चों की बिक्री गंभीर अपराध है। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई की तारीख 18 मई मुकर्रर की गई है। यह याचिका अनुरंजन अशोक नामक शख्स द्वारा दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी नामक संस्था मदर टेरेसा के नाम से प्रसिद्ध है, लेकिन इस संस्था के अंतर्गत रांची में स्थित 'निर्मल हृदय' से नवजात शिशुओं की बिक्री के मामले सामने आने के बाद भी इसकी पूरी तरह जांच नहीं की गई। याचिका में कहा गया है कि ऐसी संस्थाओं को सेवा के नाम पर विदेशों से फंडिंग मिलती है, लेकिन उसका भी दुरुपयोग किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए संस्था को प्राप्त फंड का जिक्र भी याचिका में किया गया है। इसके अलावा पुलिस की स्पेशल ब्रांच की ओर से 2015 में दिए गए रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा गया है कि सरकार को संस्था के बारे में कई तरह की सूचनाएं दी गई थीं, जिन पर जांच होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रार्थी ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।
बता दें कि करीब पांच साल मिशनरीज ऑफ चैरिटी के रांची स्थित निर्मल हृदय चैरिटी होम से नवजातों की कथित तौर पर बिक्री के मामले सामने आने के बाद सीआईडी से जांच शुरू कराई गई थी।
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