झारखंड

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन लीज से जुड़े मामले की सुनवाई चुनाव आयोग में पूरी, 18 अगस्त के बाद फैसला

Renuka Sahu
13 Aug 2022 1:25 AM GMT
The hearing of the matter related to the mining lease of Chief Minister Hemant Soren completed in the Election Commission, decision after August 18
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फाइल फोटो 

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन लीज से जुड़े मामले की सुनवाई चुनाव आयोग में पूरी हो चुकी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन लीज से जुड़े मामले की सुनवाई चुनाव आयोग में पूरी हो चुकी है। मुख्यमंत्री की कानूनी टीम ने शुक्रवार को आयोग के समक्ष मामले में अयोग्यता याचिका पर अपनी दलीलें पेश कीं। सीएम के अधिवक्ता ने जोर देकर कहा कि इस मामले में चुनाव कानून का प्रावधान लागू नहीं होता है। हालांकि, भाजपा के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि यह मामला हितों के टकराव का बनता है।

मामले में आयोग ने दोनों पक्षों को 18 अगस्त तक अपना लिखित पक्ष रखने को कहा है। इसी दिन फैसले की तारीख तय की जा सकती है। आयोग में शुक्रवार को सुनवाई के बाद भाजपा के अधिवक्ता कुमार हर्ष ने पत्रकारों से कहा कि हेमंत सोरेन के वकील ने अपनी दलीलों के दौरान कहा कि यह मामला जनप्रतिनिधित्व अधिनियम से जुड़ा हुआ नहीं है। इसके बाद भाजपा की ओर से इसे हितों के टकराव का मामला बताया गया। कुमार हर्ष ने बताया कि आयोग ने दोनों पक्षों के लिखित पक्ष रखने के लिए 18 अगस्त की तारीख तय की है। उम्मीद है कि फैसला जल्द सुनाया जाएगा।
बसंत सोरेन के मामले में अब 22 को होगी सुनवाई
झामुमो नेता मनोज पांडेय के अनुसार दुमका से विधायक बसंत सोरेन के मामले में आयोग में शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अब 22 अगस्त को सुनवाई होगी। बता दें कि राज्यपाल से भाजपा नेताओं ने बसंत सोरेन के खिलाफ शिकायत कर उन्हें खनन कंपनी में साझेदार बताया है। और इस मामले को भी लोक प्रतिनिधित्व कानून 9 ए के तहत विधायकी से अयोग्यता के दायरे में आने की बात कही है। राज्यपाल के परामर्श मांगने पर चुनाव आयोग सुनवाई कर रहा है।
राज्यपाल ने मांगा है निर्वाचन आयोग से परामर्श
भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री रहते अपने नाम पत्थर खनन लीज लेने के मामले की शिकायत की है। याचिका में विधायक के रूप में हेमंत की अयोग्यता की मांग की गई है। इस संदर्भ में राज्यपाल ने निर्वाचन आयोग से परामर्श मांगा है। आयोग की ओर से मई में मुख्यमंत्री को जनप्रतिनिधित्व की धारा 9 ए के तहत नोटिस जारी कर पक्ष मांगा गया और फिर सुनवाई हुई।
शेल कंपनियों पर सुप्रीम कोर्ट ने मांगे दस्तावेज
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री के करीबियों के शेल कंपनी चलाने और खनन लीज आवंटित करने के मामले में जनहित याचिका से जुड़े सभी दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने याचिका दायर करने के पहले संबंधित विभाग और विभिन्न फोरम में की गई शिकायत की कॉपी भी पेश करने को कहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की अदालत ने यह निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई अब 17 अगस्त को होगी।
सुनवाई के दौरान सरकार का पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह याचिका निजी स्वार्थ के लिए दायर की गयी है। इसमें जो भी आरोप लगाए गए हैं, वे तथ्यों से परे हैं। नियमों का पालन किए बिना याचिका दायर की गयी है। सिब्बल ने बताया कि प्रार्थी ने राजनीतिक बदले की भावना से अर्जी दाखिल की है। प्रार्थी के वकील राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने 50 लाख रुपये के साथ दबोचा है। पुलिस ने राजीव को एक कारोबारी से भयादोहन के मामले में गिरफ्तार किया है।
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