जमशेदपुर न्यूज़: उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि नशा आज के समय में व्यक्तिगत या किसी एक परिवार की समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक समस्या बन गई है. इसलिए हम सभी को इसके खिलाफ मिलकर लड़ना होगा.
उन्होंने कहा कि नशाखोरी के लिए जमशेदपुर बड़ा कंज्यूमर मार्केट बनता जा रहा है और युवा इसकी गिरफ्त में आते जा रहे हैं. वे लोयोला स्कूल सभागार में नशा मुक्त भारत अभियान को लेकर आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहीं थीं. उपायुक्त ने कहा कि जमशेदपुर औद्योगिक शहर है. लोगों के पास अन्य जगहों की तुलना में अच्छी आमदनी है. लेकिन इसके साइड इफेक्ट भी हैं. बच्चों के पास पैसे होते हैं, जिससे वे स्कूल के आसपास घूमने वाले ड्रग पेडलर के संपर्क में आकर नशा कर रहे हैं. उन्होंने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि अभिभावक बच्चों की गतिविधियों एवं मानसिक बदलाव पर विशेष ध्यान रखें, ताकि बच्चे को नशे की ओर बढ़ने से रोका जा सके.
उपायुक्त ने कहा नशा मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने में प्रशासन, पुलिस प्रशासन, न्यायिक प्रशासन के साथ आम नागरिकों से भी सहयोग अपेक्षित है.
ड्रग पैडलर की सूचना दे सहयोग करें एसडीएम
अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीएम) धालभूम पीयूष सिन्हा ने कहा कि ड्रग पेडलर के खिलाफ सिर्फ प्रशासनिक और कार्रवाई तब तक नाकाफी होगी, जब तक प्रत्येक नागरिक इसके विरूद्ध आवाज नहीं उठाएगा. उन्होंने अपील की कि आपके आसपास कोई नशा विक्रेता आपकी जानकारी में हो, तो इसकी सूचना नजदीकी थाना या अधिकारियों को दें. सूचनादाता की पहचान गोपनीय रखते हुए कार्रवाई की जाएगी. कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. जुझार माझी, डीपीआरओ रोहित कुमार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी नेहा संजना खलखो व अन्य लोग शामिल हुए.
जिला शिक्षा अधीक्षक निशु कुमारी, मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल के अक्षय कीर्ति, सीआईपी रांची के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संजय मुंडा व डॉ. अभिजीत सिंह, सदर अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. दीपक गिरी आदि मौजूद रहे. कार्यशाला में सीडीपीओ, बीईईओ, महिला पर्यवेक्षिता, कई निजी एवं सरकारी स्कूल के प्राचार्य, नशा मुक्ति केन्द्र के सदस्य शामिल हुए.