झारखंड

रांची सदर अस्पताल में चूहों का आतंक, थम जाता है इलाज

Rani Sahu
14 Aug 2022 3:17 PM GMT
रांची सदर अस्पताल में चूहों का आतंक, थम जाता है इलाज
x
रांची सदर अस्पताल में चूहों का आतंक
रांचीः झारखंड में सबसे बड़े सदर अस्पताल के रूप में रांची सदर अस्पताल(Ranchi Sadar Hospital) का नाम आता है. जहां महिला एवं शिशु रोग के इलाज की विशेष व्यवस्था के साथ साथ कई सेवाएं मरीजों को निशुल्क या बेहद कम कीमत पर मिलती हैं. लेकिन पिछले कुछ महीनों से रांची सदर अस्पताल(Ranchi Sadar Hospital) में चूहों का आतंक बढ़ गया है. जिससे मरीजों के इलाज में काफी परेशानी हो रही है.
इधर उधर घूमते चूहे जहां सदर अस्पताल के किचेन में मरीजों के भोजन बनाने के लिए रखे चावल, आटा, सब्जी तक को बर्बाद कर देते हैं. वहीं दवाईयां, स्लाइन की बोतलें और यहां तक कि महंगी पैथोलॉजिकल जांच की मशीनों के भी तार कुतर देते हैं. जिसकी वजह में मशीनें काम नहीं करती. जिसका सीधा असर मरीजों के जरूरी जांच पर पड़ता है. पिछले दिनों बीटा थैलेसीमिया की जांच के लिए लाखों रुपये खर्च कर खरीदी गई HPLC( हाई प्रेशर लिक्विड क्रोमैटोग्राफी) मशीन के अंदर के तार को चूहों ने इस कदर तहस नहस किया कि सदर अस्पताल(Ranchi Sadar Hospital) के पैथोलॉजी विभाग के हेड को मशीन आपूर्ति कंपनी को आग्रह कर विशेष रूप से इंजीनियर को बुलाना पड़ा.
मशीन को चूहों से बचाने के लिए विशेष किस्म के बॉक्स बनवा रहे हैं डॉक्टरः सदर अस्पताल (Ranchi Sadar Hospital) में पैथोलॉजी विभाग के हेड डॉ बिमलेश सिंह कहते हैं कि चूहों का आतंक काफी बढ़ गया है. पूर्व में कुछ दवा इस्तेमाल कर इसे रोकने की कोशिशें की थी पर कोई असर नहीं हुआ. इसके बाद अब वह शीशे और अल्यूमिनियम के विशेष बॉक्स बनवा रहे हैं ताकि उसमें कीमती और जरूरी पैथोलॉजिकल जांच मशीनों को रखा जा सके. हर दिन काम हो जाने के बाद उसे शीशे के बॉक्स में लॉक कर दिया जाएगा ताकि उसे चूहों से बचाया जा सके.
किचेन में अल्यूमिनियम के टब में रखा जाता है आलू, प्याज, चावल, दालः मरीजों के लिए भोजन बनाने में उपयोग आने वाला दाल चावल, सब्जी को चूहों से बचाने के लिए धातु के टब में रखा जाता है. वहीं दवाओं को बचाने की भी कोशिश होती है, ये और बात है कि इस सबके बावजूद चूहे काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं.
रिम्स की तर्ज पर पेस्ट कंट्रोल कराने की जरूरतः राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, रिम्स में भी एक समय में चूहों का आतंक हुआ करता था. जो विशेषज्ञों द्वारा पेस्ट और रैट कंट्रोल एक्टिविटी के बाद कुछ कम हुआ है. जरूरी है कि सदर अस्पताल (Ranchi Sadar Hospital)में भी कोई ठोस एक्शन लिया जाए ताकि चूहों के आतंक कम हो और सभी कीमती मशीनें सुरक्षित रहें.

सोर्स- etv bharat hindi

Rani Sahu

Rani Sahu

    Next Story