विश्वविद्यालयों में शुरू होगी शिक्षक नियुक्ति, सत्र में दिए आश्वासन का पालन हो: स्पीकर
राँची न्यूज़: झारखंड के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पद जल्द भरे जाएंगे. शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने के लिए विश्वविद्यालयों से आरक्षण रोस्टर क्लीयर करने को कहा गया है. विनोवा भावे विश्वविद्यालय से रिपोर्ट आ गई है. यह जवाब प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने भाकपा माले विधायक विनोद सिंह के प्रश्न पर दिया.
मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों के मुख्यालय और अंगीभूत कॉलेज में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय को इकाई मानकर आरक्षण रोस्टर क्लियरेंस की प्रक्रिया के लिए प्रस्ताव कार्मिक विभाग को भेजा गया है. शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है. सरकार ने यह जवाब भाकपा माले विधायक विनोद कुमार सिंह के सवाल पर दिया. सरकार ने माना है कि विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 40 फीसदी पद रिक्त हैं.
घंटी आधारित शिक्षक नहीं हों तो रिक्त पद का प्रतिशत और बढ़ जाएगा विधायक विनोद सिंह ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय में स्थिति और भी खराब है. उन्होंने कहा कि घंटी आधारित शिक्षकों को हटा दें तो रिक्त पदों का प्रतिशत और बढ़ जाएगा. उन्होंने कहा कि यूजीसी ने असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर के लिए यह मानक तय किया है कि वह कितने अभ्यर्थियों को शोध करा सकते हैं, लेकिन मानक का पालन नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में 300 से ज्यादा जेआरएफ पास अभ्यर्थियों को शिक्षकों के अभाव में शोध निदेशक नहीं मिल रहे हैं.
मंत्री ने जानकारी दी कि रांची यूनिवर्सिटी में जेआरएफ पास 142 अभ्यर्थी हैं इनके विरुद्ध 92 शोध निदेशक हैं. इसी प्रकार अन्य विश्वविद्यालयों में भी स्थिति काफी बेहतर है. शोधार्थियों को कोई परेशानी नहीं हो रही है. वहीं विनोबा भावे यूनिवर्सिटी में जेआरएफ पास अभ्यर्थियों की संख्या 88 है, जबकि शोध निदेशक 42 है. सिदो-कान्हू मुर्मू यूनिवर्सिटी में जेआरएफ पास अभ्यर्थियों की संख्या 19 और शोध निदेशकों की संख्या 63 है. शोध निदेशकों की राज्य में कमी नहीं है.