झारखंड
बिस्कुट फैक्ट्री में ₹450 हर दिन देने का वादा कर ले गए थे तमिलनाडु, महिलाओं ने कही यह बात
Deepa Sahu
4 July 2022 8:28 AM GMT
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झारखंड के दुमका जिले की पुलिस को तमिलनाडु में बंधक बनाए गए ,
दुमका. झारखंड के दुमका जिले की पुलिस को तमिलनाडु में बंधक बनाए गए 8 मजदूरों को मुक्त कराने में कामयाबी मिली है. दुमका के ये मजदूर केरल बिस्कुट फैक्ट्री में 450 रुपए प्रतिदिन की दर से काम करने गये थे, लेकिन वहां इन मजदूरों को इनकी मर्जी के खिलाफ दूसरे काम में लगाया जा रहा था. मजदूरों द्वारा मना करने पर इनके मोबाइल आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज छीन सभी को बंधक बना लिया गया था.
बता दें, दुमका पुलिस ने तमिलनाडु में बंधक बनाये गये आठ मजदूरों को रेस्क्यू कर घर वापसी कराई है. इन आठ मजदूरों में पांच महिला तथा तीन पुरुष शामिल हैं. दरअसल 28 जून को दुमका जिला के जरमुंडी थाना क्षेत्र के जनातन किसकु ने आहूत थाना एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में लिखित आवेदन दिया था कि जरमुंडी से कुछ लोग बिस्कुट फैक्ट्री में काम करने के लिए केरल गये थे .वहां कुछ दिन इन लोगों ने काम भी किया था. फिर वहां से सभी मजदूरों को दूसरी जगह भेज दिया गया था, जहां पर सभी का मोबाइल आधार कार्ड छीन कर बंधक बना लिया गया था.NGO की मदद से लाया गया धनबाद
इस बारे में आवेदन कर्ता ने कहा कि बंधक बनी एक लड़की ने किसी प्रकार अपने घर वालों को मैसेज भेजा जिसके बाद उन्होंने थाने में आवेदन दिया. पुलिस ने आवेदन पर त्वरित कार्रवाई प्रारंभ कर दी और वहां से आये मोबाइल नं का लोकेशन ट्रेस करना प्रारंभ कर दिया जो तमिलनाडु का था. आहुत थाना प्रभारी श्वेता कुमारी ने तमिलनाडु पुलिस को इस बात की पूरी जानकारी दी. तमिलनाडु पुलिस ने भी इस मामले में गंभीरता दिखाई और पिलानी पहुंच सभी को मुक्त कराया. पुलिस और एक एनजीओ की मदद से सभी मजदूरों को ट्रेन से धनबाद लाया गया और फिर सभी मजदूर धनबाद से दुमका लौटे.
पैसे की मांग भी की गयी थी
तमिलनाडु से दुमका पहुंची सुनीता किसकु जिन्होंने मोबाइल से मैसेज भेजा था ने कहा कि उन्हें काफी प्रताड़ित किया जा रहा था ना खाना मिलता था और ना बाथरूम जाने की इजाजत. कुछ दिन उनसे ईंट भट्टे पर भी काम कराया गया और जब वे लोग घर आना चाहते थे तो उनसे पैसे की मांग की गई. किसी तरह उसने घरवालों को मैसेज किया तब दुमका पुलिस की सहायता से घर वापस आ पाई.
Deepa Sahu
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