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निलंबित IAS अधिकारी पूजा सिंघल की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. मामला मनरेगा घोटाला और मनी लाउंड्रिंग से जुड़ा है.
निलंबित IAS अधिकारी पूजा सिंघल की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. मामला मनरेगा घोटाला और मनी लाउंड्रिंग से जुड़ा है. जमानत याचिका पर रांची स्थित ईडी की विशेष अदालत में बुधवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. जब फैसला सुनाया गया तो रांची ED के स्पेशल कोर्ट ने IAS पूजा सिंघल को बेल देने से इनकार कर दिया. बता दें कि पूजा सिंघल की ओर से मेडिकल ग्राउंड के आधार पर 27 जून को याचिका दायर कर जमानत देने अपील की गई थी.
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने मई के पहले सप्ताह में आईएएस पूजा सिंघल के आवास और उनसे जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान उनके सीए सुमन कुमार के ठिकानों से 19 करोड़ से ज्यादा नगद बरामद किए गए थे. इसके बाद ईडी ने 11 मई को पूजा सिंघल को हिरासत में ले लिया था. 14 दिनों के रिमांड पर पूछताछ के बाद 25 मई को उन्हें निलंबित कर दिया गा था. पूजा सिंघल फिलहाल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं.
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा, सीए सुमन सिंह, खूंटी जिला परिषद के तत्कालीन कनीय अभियंता रामविनोद सिन्हा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. इनके अलावा तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र जैन, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जयकिशोर चौधरी, खूंटी विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शशि प्रकाश के खिलाफ भी मनी लाउंड्रिंग की धारा 3, 4 और पीसी एक्ट की संगत धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है.
यहां यह भी बता दें कि बीते 5 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने करीब 200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. यह आरोप पत्र ईडी के विशेष न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा के कोर्ट में दायर किया गया था. मिली जानकारी के अनुसार ईडी ने इसके लिए करीब 5000 पन्नों से अधिक का साक्ष्य भी कोर्ट में जमा कराया है. आरोप पत्र में 6 से 25 मई तक ईडी की ओर से की गई कार्रवाई का जिक्र किया गया है
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