प्रमाणपत्रों के सत्यापन के झंझट से छात्र होंगे मुक्त, डाटा को डाउनलोड कर सकते हैं विद्यार्थी
राँची न्यूज़: सीबीएसई के विद्यार्थियों को अब उच्च शिक्षण संस्थानों में नामांकन या अन्य किसी भी कार्य के लिए प्रमाणपत्रों के वेरिफिकेशन के झंझट से मुक्ति मिल गई है. बोर्ड ने शैक्षणिक दस्तावेजों के सत्यापन यानी अटेस्ट करने की नई व्यवस्था की है.
बोर्ड ने डिजिटल दस्तावेजों को डाउनलोड करने के लिए नेशनल अकादमिक डिपोसीटरी (एनएडी) के डिजी लॉकर प्लेटफार्म पर पिछले 21 वर्षों के 10वीं व 12वीं कक्षा के परीक्षार्थियों का रिजल्ट डेटा अपलोड किया है. विद्यार्थी किसी भी जरूरत के लिए इसे डाउनलोड कर सकेंगे. इसमें सबसे खास बात यह है कि अपलोड किए गए दस्तावेजों को डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित किया गया है, ताकि इसकी प्रमाणिकता बनी रहे. ऐसे में सुविधा यह मिलेगी कि छात्रों को दस्तावेजों के सत्यापन के लिए अपने पूर्व के संस्थान का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा.
विद्यार्थी अब इस डाटा को डाउनलोड कर सकते हैं और उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा इसे सत्यापित या प्रमाणित किया जा सकता है. प्रमाणीकरण के लिए पब्लिक की इंफ्रास्ट्रक्चर आधारित क्यूआर कोड भी डाला गया है. बोर्ड के अनुसार, बहुत से विद्यार्थियों के आवेदन आते हैं कि उनके दस्तावेज या प्रमाणपत्र खो गए हैं. ऐसे भी आवेदन आते हैं कि कोई विद्यार्थी परीक्षा के तुरंत बाद कहीं और शिफ्ट हो गए और तत्काल उसे प्रमाणपत्र की आवश्यकता है. ऐसे में उन विद्यार्थियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसलिए यह नई व्यवस्था की गई है.
सत्यापन के लिए अनुरोध नहीं भेजने का आग्रह: सीबीएसई के सिटी को-ऑर्डिनेटर सह डीपीएस रांची के प्राचार्य डॉ राम सिंह ने बताया कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सभी संगठनों से प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए अनुरोध नहीं भेजने का आग्रह किया है. संगठन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और आगे अपना सत्यापन करवा सकते हैं. इतना ही नहीं बोर्ड उच्च शिक्षण संस्थानों और सरकारी नियोक्ताओं को जरूरत पड़ने पर वेरिफिकेशन के लिए एपीआई (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) भी उपलब्ध कराएगा.