राज्य के 6300 स्कूल एक व 12 हजार स्कूल 2 शिक्षकों के भरोसे
राँची न्यूज़: झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट जारी कर दिया है. कई विभागों को सौगातें दी गई हैं, लेकिन स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के बजट में शिक्षकों की नियुक्ति का जिक्र नहीं होने से अभ्यर्थी के साथ-साथ शिक्षक संगठन भी परेशान हैं. राज्य में 2015-16 के बाद से प्रारंभिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है.
स्थिति यह है कि राज्य 6300 स्कूल ऐसे हैं जो एक शिक्षक के भरोसे हैं, जबकि 12 हजार स्कूल दो शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं. ऐसे स्कूल में अगर एक शिक्षक भी अवकाश पर रहें तो या तो स्कूल बंद करना पड़ता है या फिर सभी क्लास की पढ़ाई नहीं हो पाती है. सरकार बजट में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की बात कर रही है और उत्कृष्ट विद्यालय, लीडर स्कूल से लेकर आदर्श विद्यालय बनाने की बात है, लेकिन बिना शिक्षकों के ऐसे स्कूल की कल्पना बेमानी सी लग रही है. बजट में प्राथमिक स्कूल में बच्चे मातृभाषा में पढ़ेंगे. बच्चों को जुड़ाव होगा, लेकिन उन्हें मातृभाषा में कौन पढ़ाएंगे.
जब शिक्षक ही नहीं रहेंगे तो जनजातीय समेत बांग्ला व उड़िया में कौन पढ़ाएंगे. 2016 शिक्षक पात्रता परीक्षा में पास किये राज्य के करीब 53 हजार अभ्यर्थियों को आज तक किसी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर नहीं मिला है. वहीं, 2013 में टेट पास करीब 48 हजार अभ्यर्थी भी बचे हैं जो नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे.