झारखंड

राज्य सरकार रिम्स को नाममात्र की संस्था बनाए रखना चाहती है, दबाव में काम कर रहा प्रबंधन: झारखंड हाईकोर्ट

Renuka Sahu
16 March 2022 3:32 AM GMT
राज्य सरकार रिम्स को नाममात्र की संस्था बनाए रखना चाहती है, दबाव में काम कर रहा प्रबंधन: झारखंड हाईकोर्ट
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फाइल फोटो 

झारखंड हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार रिम्स को नाममात्र की संस्था बनाए रखना चाहती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार रिम्स को नाममात्र की संस्था बनाए रखना चाहती है। अभी भी रिम्स प्रबंधन सरकार के दबाव में काम करता है। हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में रिम्स में रिक्त पदों पर नियुक्ति नहीं होने के मामले में सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी की।

अदालत द्वारा लगातार 2 साल से नियुक्तियां करने का निर्देश देने के बावजूद नियुक्तियां नहीं हुईं। क्योंकि इसके पीछे सरकार से रोस्टर क्लीयरेंस लेना होता है। ऐसे नियम को निरस्त किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि रिम्स में काफी मरीज आते हैं, लेकिन पैरामेडिकल स्टाफ की कमी से समुचित इलाज नहीं हो पाता है। सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य सचिव, कार्मिक सचिव, जेएसएससी के चेयरमैन और रिम्स निदेशक कोर्ट में मौजूद थे।
आयोग के चेयरमैन ने कहा कि रिम्स की ओर से नियमानुसार नियुक्ति की प्रक्रिया के लिए अधियाचना नहीं भेजी गई थी, इसलिए उन्होंने इसे वापस कर दिया गया। लेकिन मामले में हाईकोर्ट का कोई आदेश आता है तो आयोग नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने को तैयार है। अदालत ने एक अप्रैल को पूरे मामले में प्रगति रिपोर्ट मांगी है।
केस स्टडी
लोहरदगा के रामपुर से आए मरीज भोला मुंडा ने कहा कि पत्नी मीरा के इलाज के लिए रिम्स आए हैं। पत्नी को कई दिनों से पेट में दर्द है। डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड के लिए कहा है, लेकिन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं होने की वजह से जांच में समस्या हुई। रामगढ़ के गोला का मरीज सपन सिंह सर्जरी वार्ड में भर्ती है। उसने बताया कि आज ऑपरेशन होना था। सुबह सात बजे तक जांच करा लेने को कहा गया था, ताकि 12 बजे तक रिपोर्ट मिल जाती। समय पर जांच नहीं होने से ऑपरेशन टल गया।
आठ घंटे रिम्स का सर्वर रहा ठप, मरीज परेशान
रिम्स में मंगलवार सुबह 3:30 बजे से 11 बजे तक इंटरनेट सर्वर ठप रहा। बस बीच जांच कराने वाले मरीज परेशान रहे और बिना पर्ची के जांच नहीं हुई। 11 बजे इंटरनेट सेवा बहाल होने पर काम सुचारू हो सका। हालांकि ओपीडी के मरीजों को हाथ से लिखी पर्ची मिलने से ज्यादा परेशानी नहीं हुई। कर्मचारियों ने बताया कि सुबह साढ़े 3 बजे से इंटरनेट ठप था। इस दौरान इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की जांच नहीं हुई। पांच बजे से भर्ती मरीजों के परिजन जांच के लिए आने लगे थे, लेकिन उन्हें भी छह घंटे तक इंतजार करना पड़ा।
एक माह पहले भी ठप हो गया था सर्वर
रिम्स में इंटरनेट सेवा रेलटेल कंपनी देती है। कर्मचारियों ने बताया कि इससे पहले भी जनवरी में दो-तीन बार इंटरनेट सर्वर ठप हो चुका है। बता दें कि रिम्स ई-अस्पताल बनाने की दिशा में बढ़ रहा है, लेकिन बार-बार तकनीकी खामी इस दिशा में बाधा बन रही है। बता दें कि मंगलवार को इंटरनेट ठप होने से दूर से आए मरीजों को परेशानी हुई। हालांकि मरीजों की बढ़ती परेशानियों को देखते हुए इमरजेंसी काउंटर और ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर के कर्मचारियों ने हाथ से लिखी रजिस्ट्रेशन की पर्ची मरीजों को दी।
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