झारखंड

सृष्टि परिजनों ने जताया आभार, Coal India Limited ने की है 16 करोड़ की मदद

Shantanu Roy
19 Nov 2021 7:20 AM GMT
सृष्टि परिजनों ने जताया आभार, Coal India Limited ने की है 16 करोड़ की मदद
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मासूम सृष्टि (Srishti) के जीवन को बचाने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) ने मदद का हाथ बढ़ाया है. सीआईएल (CIL) के मदद की घोषणा के बाद सृष्टि (Srishti) के परिजन और पूरे पलामू में खुशी की लहर है.

जनता से रिश्ता। मासूम सृष्टि (Srishti) के जीवन को बचाने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) ने मदद का हाथ बढ़ाया है. सीआईएल (CIL) के मदद की घोषणा के बाद सृष्टि (Srishti) के परिजन और पूरे पलामू में खुशी की लहर है. परिजन और लोगों के मन में उम्मीद जग गई है कि अब मासूम बच्ची को बचाया जा सकता है. सृष्टि स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy) स्टेज 1 नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रही है. उसके इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की जरूरत है.

पलामू की मासूम सृष्टि (Srishti) को अगले कुछ महीनों में इंजेक्शन दिया जाना जरूरी है. 24 महीने की मासूम सृष्टि वेंटिलेटर पर जीवन और मौत के बीच जूझ रही है.फिलहाल सृष्टि पलामू के मेदिनीनगर में है. सीआईएल ने इंजेक्शन के लिए 16 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है. जिसके बाद परिजन बेहद खुश हैं. सृष्टि के पिता सतीश कुमार रवि ने सीआईएल के प्रति आभार जताया है. सृष्टि के चाचा राम भजन ने बताया कि परिवार बेहद खुश है उन्होंने सीआईएल सहित उन तमाम लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने इनकी मदद की है.
स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी बीमारी से जूझ रही है सृष्टि
24 महीने की सृष्टि स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy) नाम की बीमारी से जूझ रही है. इस बीमारी के इलाज के लिए स्विट्जरलैंड (Switzerland) की नोवार्टिस नाम की कंपनी इंजेक्शन बनाती है जिसकी कीमत 22.5 करोड़ रुपये है. सरकार आयात शुल्क माफ कर दे तो इसकी कीमत 16 करोड़ रुपये हो जाएगी. सृष्टि की मदद के लिए परिजन कई जगह गुहार लगा चुके थे. सृष्टि के पिता सतीश कुमार रवि पाटन के कांके कला के रहने वाले हैं. सृष्टि मेदिनीनगर के कान्दू मोहल्ला स्थित अपने ननिहाल में है.
माता-पिता ने ली है वेंटिलेटर चलाने की ट्रेनिंग
सृष्टि फिलहाल अपने ननिहाल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम वेंटिलेटर पर ही है. माता पिता ने वेंटिलेटर सिस्टम को खरीद लिया है. खरीदने के लिए डॉक्टरों की टीम ने उन्हें एक महीने तक वेंटिलेटर चलाने की ट्रेनिंग ली, उसके बाद उसे मेदिनीनगर लेकर आए. सृष्टि को करीब 10 घंटे तक प्रतिदिन वेंटिलेटर पर रखा जाता है. उसका शरीर हिलडुल नहीं सकता. स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक ऐसी बीमारी है, जो नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है, इसमें दिमाग और मेरुदंड की तंत्रिका की कोशिकाएं टूटने लगती हैं. सृष्टि का इलाज सीएमसी वेल्लोर और अपोलो बिलासपुर में चल रहा था. सृष्टि को बचाने के लिए कई लोगों ने मदद का हाथ बढ़ाया था. परेशान परिवार के सदस्य मदद की गुहार लेकर बॉलीवुड भी पहुंचे थे. इन्होंने प्रसिद्ध अभिनेता सोनू सूद से भी मदद की अपील की थी. इसके बाद दर्जनों संगठन मदद के लिए आगे आए और इन्हें आर्थिक रूप से मदद किया.


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