झारखंड

सोरेन सरकार जाकिर नाइक की संस्था पर कसेगी शिकंजा, जानें क्या है पूरा मामला

Renuka Sahu
23 July 2022 1:58 AM GMT
Soren government will tighten the noose on Zakir Naiks institution, know what is the whole matter
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फाइल फोटो 

इस्लाम धर्म के प्रचारक डॉ जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की गतिविधियों की जानकारी जुटाकर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस्लाम धर्म के प्रचारक डॉ जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) की गतिविधियों की जानकारी जुटाकर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईआरएफ की गतिविधियों को राष्ट्र विरोधी मानते हुए इस संगठन को पांच सालों के लिए प्रतिबंधित किया है। संगठन पर लगे इस प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगायी है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईआरएफ पर कार्रवाई का आदेश जारी करते हुए झारखंड के मुख्य सचिव को पत्र भेजा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से पत्र मिलने के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को इस संबंध में कार्रवाई का निर्देश दिया है। संगठन के द्वारा जिलों में किसी भी तरह की गतिविधि की जानकारी मिलने पर यूएपीए के तहत कार्रवाई का आदेश दिया गया है।
कौन है जाकिर नाइक?
जाकिर नाइक भारतीय मूल का एक इस्लामी उपदेशक है। वह इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन और पीस टीवी नेटवर्क का संस्थापक और अध्यक्ष है। ढाका के एक कैफे में हुए बम धमाके में 22 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद नाइक देश छोड़कर भाग गया था, वर्तमान में वह मलेशिया में निर्वासित जीवन काट रहा है। देश विरोधी गतिविधियों में एनआईए को नाइक की तलाश है।
जारी किया गया आदेश
संस्था के खिलाफ कार्रवाई को लेकर राज्य पुलिस मुख्यालय के आईजी अभियान अमोल वी होमकर ने आदेश जारी किया है। इस आदेश के मुताबिक, राज्य के सभी थाना व ओपी क्षेत्र में आईआरएफ की गतिविधियों पर नजर रखने व गतिविधियों की जानकारी मिलने पर विधि सम्मत कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।
क्या है मामला
गृह मंत्रालय की ओर से मुख्य सचिव को भेजे गये पत्र में बताया गया है कि देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के कारण आईआरएफ को यूएपीए की धारा 3 ए के तहत 15 नवंबर 2021 प्रतिबंधित किया गया है। गृह मंत्रालय के द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के बाद इस संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की गई थी। इस कमेटी ने भी 9 मार्च 2022 को पर्याप्त कारण पाते हुए गृह मंत्रालय के फैसले पर अपनी मुहर लगायी थी। इसके बाद यूएपीए के तहत संस्था को 15 नवंबर 2021 की तारीख से पांच सालों के लिए प्रतिबंधित किया गया है।
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