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एक मां अपनी संतान को जन्म देते वक्त कुछ उम्मीद तो नहीं करती, मगर इतनी इच्छा जरूर रखती है कि जीवन के अंतिम पड़ाव में वह संतान सहारा देंगे. मगर अगर औलाद ही मारपीट कर लाचार मां-बाप को घर से बेघर कर दें, तो बेचारे जाए तो जाए कहां. मोतिया थाना क्षेत्र के अडानी पॉवर प्लांट के गेट नंबर 3 के समीप बैठी महिला की उम्र करीब 100 वर्ष होगी. महिला अपना नाम सुगनी मोसमात बताती है और घर पोडैयाहाट प्रखंड का देवबंधा गांव है. इनके दो बेटे हैं, त्रिवेणी और अवधेश यादव. सुगनी बीती शाम को ही अपने घर से बेटों द्वारा मारपीट कर निकाल दी गई.
बेटों ने मां को मारपीट कर घर से निकाला
बस क्या था सुगनी भी बेटों की शिकायत थाने में करने मोतिया थाना की तरफ निकल गयी. मगर देर शाम से लेकर आज दोपहर तक वो आधे रास्ते तक ही पहुंच पाई और थक कर अडानी के गेट नंबर 3 पर आकर बैठ गयी. अडानी गेट पर गार्ड ने बुजुर्ग महिला को पानी पिलाई और बैठाए रखा और फिर इसकी सूचना दी. बूढ़ी मां का कहना है कि उनके पति आज से चार वर्ष पूर्व ही दुनिया छोड़ गये और तब से बेटे, बहू और पोते उनपर अत्याचार करते आ रहे हैं. रोजान मारपीट भी करते हैं, यहां तक कि खाना भी नहीं देते.
थाने में मां लगा रही इंसाफ की गुहार
इसके बाद संवाददाता ने इसकी सूचना थाने को दी, जिसके बाद थाने की गाड़ी आकर सुगनी को मोतिया थाने लेकर गई. थाना प्रभारी द्वारा सुगनी के बेटे को बुलवाया गया है. मगर यहां सवाल यह उठता है कि मां-बाप अपनी औलादों को बुढ़ापे का सहारा समझकर लालन पालन करते हैं. मगर औलाद ही नालायक निकल जाए, तो फिर मां-बाप पर क्या गुजरती होगी, ये बखूबी अंदाजा लगाया जा सकता है.
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