झारखंड

कार्यपालक अभियंता को छह साल का कारावास

Admin Delhi 1
3 Feb 2023 11:24 AM GMT
कार्यपालक अभियंता को छह साल का कारावास
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धनबाद न्यूज़: 13 साल पुराने अलकतरा घोटाले के एक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता एवं सहायक इंजीनियरों को छह वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई. वहीं गैर सरकारी आरोपी तथा सप्लायर कंपनी के मालिक को पांच वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई गई. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने इंजीनियर को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम तथा प्रोपराइटर एवं सप्लायर को षड्यंत्र रच कर जालसाजी करने के मामले में दोषी पाया था. अदालत ने कहा कि सजायाफ्ता सभी लोगों की ओर से उनके परिवार के बारे में और सुविधाओं की ओर अदालत का ध्यान आकृष्ट कराया गया. अभियुक्तों की बीमारी का हवाला दिया गया.

अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का जिक्र करते हुए कहा कि लालू प्रसाद भी बीमार हैं. अपराध करते समय अभियुक्तों ने अपने परिवार के विषय में नहीं सोचा. इसलिए अदालत अभियुक्तों को सजा का एलान करती है. अदालत ने पथ निर्माण विभाग जामताड़ा के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर प्रकाश चंद्र सिंह, असिस्टेंट इंजीनियर एंथोनी तिग्गा, जूनियर इंजीनियर नरेश प्रसाद सिंह को छह वर्ष के कठोर कारावास एवं डेढ़ लाख आर्थिक जुर्माने की सजा सुनाई.

जालसाजी में अलग से पांच साल की सजा और 30 हजार जुर्माने की सजा दी गई. अदालत ने पीएंडएस कंपनी के प्रोपराइटर प्रमोद सिंह एवं सप्लायर मनोज भगत को पांच वर्ष का कठोर कारावास एवं 30 हजार आर्थिक जुर्माने की सजा दी. नौ लाख 59 हजार 230 रुपए के अलकतरा घोटाले का आरोप है. हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में रांची सीबीआई ने 18 मार्च 2010 को प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी. प्राथमिकी में प्रकाशचंद्र सिंह कार्यपालक अभियंता जामताड़ा, एंथोनी तिग्गा सहायक इंजीनियर जामताड़ा, नरेश प्रसाद सिंह जूनियर इंजीनियर जामताड़ा, प्रमोद कुमार सिंह प्रोपराइटर पी एंड एस कंपनी एवं सप्लायर मनोज कुमार भगत को आरोपी बनाया था.

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