झारखंड

झारखंड में मणिपुर जैसे हालात हो रहे: सालखन

Admin Delhi 1
25 Sep 2023 8:07 AM GMT
झारखंड में मणिपुर जैसे हालात हो रहे: सालखन
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जमशेदपुर: आदिवासी सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने भारत के आदिवासी संविधान के तहत अनेक अधिकारों के बावजूद गुलामी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं.

अंतत वे हासा (भूमि), भाषा, जाति (एसटी), धर्म (सरना), रोजगार, इज्जत, आबादी, चास वास आदि लुटाने को मजबूर हैं. सेंगेल के अनुसार झारखंड और बृहद झारखंड क्षेत्र में आदिवासियों के बर्बादी के लिए सोरेन खानदान (शिबू- हेमंत) और आदिवासी स्वशासन व्यवस्था के नाम पर माझी-परगाना, मानकी- मुंडा आदि सर्वाधिक दोषी हैं. दोनों के पास हासा-भाषा आदि बचाने का कोई एजेंडा और कार्य योजना नहीं है. गितिलोता हाई स्कूल प्रांगण में सेंगेल अभियान की एक विशेष बैठक में मुख्य अतिथि पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने आदिवासी संबंधित चिंताओं को साझा किया. सरना धर्म कोड को 2023 में हर हाल में हासिल करने का संदेश दिया. रांची में 8 नवंबर 23 के सरना महारैली में शामिल होने का आह्वान किया.

उन्होंने कहा कि उलटा आदिवासी समाज को नशापान, अंधविश्वास, डायन- प्रथा, ईर्ष्या द्वेष, महिला विरोधी मानसिकता, वोट की खरीद बिक्री आदि क्रियाकलापों की ओर धकेलने का काम करते हैं. बैंक के राजनीतिक लोभ लालच में इन पार्टियों ने कुड़मी महतो जैसे समृद्ध गैर- आदिवासी जाति को

बैठक की अध्यक्षता सोशोधर सरदार ने की तथा संचालन बिमो मुर्मू ने किया. सेंगेल का पोटका प्रखंड कमिटी में सोशोधर सरदार को अध्यक्ष, वारिश हेम्ब्रम को महासचिव, रत्न सरदार को उपाध्यक्ष बनाया गया. सेंगेल के जमशेदपुर प्रखंड (ग्रामीण) कमेटी में गुमान सिंह सरदार अध्यक्ष, लक्ष्मण हेम्ब्रम महासचिव और वीरसिंह सरदार उपाध्यक्ष नियुक्त किये गए. सुमित्रा मुर्मू, ज्योति मुर्मू, घनश्याम टुडु भी बैठक में मौजूद थे.

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