धनबाद न्यूज़: सिंफर, कोल इंडिया एवं एनटीपीसी के बीच कोल सैंपलिंग को लेकर 2016 में हुआ त्रिपक्षीय एमओयू खतरे में है.
सिंफर निदेशक ने कोल इंडिया को पत्र लिख कर एमओयू रिवीजन की मांग की है. दो माह का नोटिस भी दिया गया है. इस दौरान एमओयू रिवाइज्ड (संशोधित) नहीं हुआ तो सिंफर सैंपलिंग का काम बंद कर देगा. सूत्र बताते हैं कि कोल इंडिया ने सिंफर निदेशक को जवाबी पत्र लिख कर एमओयू संशोधन की पेशकश पर सवाल उठाया है. कहा है कि यदि सिंफर दो माह में सैंपलिंग का कार्य बंद कर देता है तो वैकल्पिक व्यवस्था के तहत थर्ड पार्टी सैंपलिंग के संकेत दिए गए हैं. यानी सिंफर के अलावा कई निजी संस्थान हैं, जो थर्ड पार्टी सैंपलिंग का काम करते हैं. यदि सिंफर के नोटिस पर कोल इंडिया की ओर से त्रिपक्षीय एमओयू को संशोधित नहीं किया जाता है तो सीएसआईआर-सिंफर को सालान नौ सौ करोड़ से हजार करोड़ का नुकसान हो सकता है. थर्ड पार्टी सैंपलिंग से सिंफर को सबसे ज्यादा कमाई होती है. कोल इंडिया के रुख से एमओयू रिवीजन की संभावना नहीं लगती है. थर्ड पार्टी सैंपलिंग को लेकर कोल इंडिया (एससीसीएल सहित) सिंफर तथा एनटीपीसी सहित अन्य पावर कंपनियों के बीच 2016 में एमओयू हुआ था.
रक्तदान के लिए आईआईटी की संस्था पुरस्कृत
आईआईटी आईएसएम के छात्रों की संस्था एफएफआई (फास्ट फॉरवर्ड इंडिया) को रक्तदान करने के लिए झारखंड स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी झारखंड ने रांची में सम्मानित किया है. एफएफआई की ओर से छात्र राज पांडेय ने पुरस्कार प्राप्त किया. यह लगातार दूसरा वर्ष है, जब एफएफआई को उच्चतम रक्त का पुरस्कार मिला. एफएफआई ने वर्ष 2014 में एक दिन में सर्वाधिक 905 यूनिट रक्तदान का रिकॉर्ड बनाया था.