झारखंड

शर्मनाक फरमानः महिला को बताया चरित्रहीन, फिर परिवार का हुक्का-पानी किया बंद

Deepa Sahu
13 Jan 2022 5:57 PM GMT
शर्मनाक फरमानः महिला को बताया चरित्रहीन, फिर परिवार का हुक्का-पानी किया बंद
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महिला पर चरित्रहीन होने का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने उसके परिवार का हुक्का-पानी बंद कर दिया है। इसकी शिकायत कालूबथान ओपी में दर्ज करायी गई है। मामला कालूबथान ओपी क्षेत्र के बांदराबाद गांव का है। गांव के एक कुंभकार परिवार का पंचायत ने सामाजिक बहिष्कार कर हुक्का-पानी बंद कर दिया है।

मछली पकड़ कर भरण-पोषण करने पर भी रोक लगा दी गई है। गांव के दुकानदारों को राशन देने से मना कर दिया गया है। परिवार अपने बच्चों को स्कूल में भी नहीं पढ़ा सकता है। इसके लिए शिक्षण संस्थानों पंचायत ने मना कर दिया है। इतना ही नहीं गांव के कुआं से पानी भरने और तालाब में नहाने-धोने पर भी रोक लगा दी है। मवेशियों को चराने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।
पंचायत ने पीड़िता के परिवार वालों से 19 हजार पांच सौ रुपए जुर्माना भी वसूला। पीड़िता कविता कुंभकार ने गांव के दबंगों और पंचों में प्रभाष गोराईं, मंटू गोराईं, गोविंद गोराईं, आदित्य चक्रवर्ती, परमेश्वर चक्रवर्ती, मंटू गोराईं, अबोनी गोराईं के खिलाफ बुधवार की रात को कालूबथान ओपी में शिकायत दर्ज कराई है।
पीड़िता ने पुलिस को बताया है कि कुछ दिन पूर्व गांव में उसके परिवार के विरुद्ध पंचायत की गई। पंचों ने मुझ पर चरित्रहीन होने का झूठा आरोप लगाया और डरा-धमका कर पति पलटन कुंभकार से 12 हजार पांच सौ और जेठ ससुर सुबोध कुंभकार से दस हजार रुपए बतौर जुर्माना वसूला। पूरी घटना की जानकारी धनबाद जिला प्रजापति संघ दी गई।
पांच जनवरी को संघ के पदाधिकारियों ने पंचों के साथ बैठक की, लेकिन पंचों ने संघ के निर्णय को ठुकरा दिया और कुछ भी मानने से साफ इनकार कर दिया। छह जनवरी को पंचों ने पूरे परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर हुक्का-पानी बंद कर दिया। पंचेत डैम से मछली पकड़ने पर भी रोक लगा दी, जिससे परिवार का भरण-पोषण होता था। दबंगों से पूरे परिवार भयभीत है।


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