रांची में 3210.43 करोड़ की लागत से 2057 तक के लिए बनेगा सीवरेज सिस्टम
रांची: राजधानी में एक बार फिर से सीवरेज सिस्टम परियोजना के निर्माण की कवायद शुरू हुई है। साल 2057 तक की आबादी और प्रस्तावित आवासों को ध्यान में रखकर 3210.43 करोड़ की लागत से राजधानी का सीवरेज सिस्टम बनेगा। यह परियोजना एशियन डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से पूरी की जाएगी।रांची नगर निगम के सहयोग से नगर विकास विभाग की एजेंसी जुडको द्वारा इस पर काम शुरू कर दिया गया है। परामर्शी कंपनी एनजेएस ने प्रस्तावित परियोजना का डीपीआर तैयार किया है। डीपीआर पर सुझाव एवं आपत्तियों के लिए रांची नगर निगम के सभागार में मंगलवार को एनजेएस द्वारा स्टेक होल्डर मीटिंग बुलायी गयी थी। बैठक में विधायक सीपी सिंह, रांची नगर निगम के प्रशासक अमित कुमार, जुडको के परियोजना निदेशक तकनीकी गोपालजी, अपर प्रशासक कमलाकांत गुप्ता, उप प्रशासक रवींद्र कुमार और उप प्रशासक मोहम्मद अनवर हुसैन, जुडको के महाप्रबंधक एसएस सेनगुप्ता और उप परियोजना निदेशक उत्कर्ष मिश्र उपस्थित थे।
वर्तमान में रांची नगर निगम द्वारा जोन एक स्थित मोरहाबादी, पंडरा और आसपास के इलाकों में 280 किलोमीटर पाइप बिछायी जा रही है। एक 37 एमएलडी का एसटीपी भी बनाया जा रहा है। एसटीपी से गैस भी निकलेगा, इससे ऊर्जा का उत्पादन होगा। सीवरेज सिस्टम से पानी जनित रोग पर भी नियंत्रण लगेगा।
जोन-2
जोन-3
वार्ड नंबर 20, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28, 29, 34, 35, 36, 37, 38, 41, 42, 43, 44, 45, 46, 47, 48, 49, 50, पहाड़ी मंदिर, हरमू, अशोक नगर, हीनू व कडरू
जोन-4
जोन चार वार्ड नंबर 37, 38, 39, 40, 50, 51, 52 एवं 53 धुर्वा, एचईसी, हटिया, बिरसा चौक, हेसाग, तुपुदाना व जगन्नाथ मंदिर
कुल चार जोन में होगा काम
सीवरेज सिस्टम के लिए डीपीआर में पूरे शहर को कुल चार जोन में बांटा गया है। जोन एक का काम पहले से ही रांची नगर निगम द्वारा कराया जा रहा है। जोन वन में अभी कुछ हिस्सा बाकी है। बचे हिस्सों को मिलाकर जोन दो, तीन और चार में सीवरेज सिस्टम पर काम होगा। डीपीआर में वर्ष 2057 तक रांची की आबादी 3025792 होने का अनुमान लगाया गया है। तब शहर में करीब 341336 आवास होंगे। इस आबादी पर कुल 449.59 एमएलडी सीवेज निकलने का भी अनुमान है।