झारखंड
IAS और IPS अधिकारियों को केंद्रीय पर प्रतिनियुक्ति भेजे, केंद्र ने किया राज्यों से आग्रह
Renuka Sahu
29 Sep 2022 3:27 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in
केंद्र ने राज्यों से आग्रह किया है कि ज्यादा आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय पर प्रतिनियुक्ति भेजे.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्र ने राज्यों से आग्रह किया है कि ज्यादा आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय पर प्रतिनियुक्ति भेजे. केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्य सरकारों से अक्षम और भ्रष्ट कर्मचारियों को बाहर निकालने में सहयोग मांगा है. यह बातें बुधवार को आयोजित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के प्रधान सचिवों के वार्षिक सम्मेलन में ये बातें में केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री ने कही. इस सम्मेलन को सामान्य प्रशासन और प्रशासनिक सुधारों से संबंधित कार्यों पर विचार-विमर्श करने के लिए आयोजित किया गया था. पढ़ें – कैंसर के इलाज में अमेरिका व यूरोप के समकक्ष खड़ा होने को भारत तैयार
अधिकांश राज्य अपने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति दायित्वों को भी पूरा नहीं कर रहे हैं
इस सम्मेलन में अपने संबोधन में केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि एक अखिल भारतीय सेवा अधिकारी राज्य और केंद्र दोनों के भीतर सरकार का एक महत्वपूर्ण इंटरफेस है. उन्होंने कहा कि देश में अखिल भारतीय सेवाओं के कैडर प्रबंधन के लिए पहले से ही एक ढांचा है और इसके मुताबिक काम करने की जरूरत है. इस संबंध में एक विशेष पहलू केंद्र में अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों की तैनाती भी है. उन्होंने कहा कि अधिकांश राज्य अपने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व (सीडीआर) दायित्वों को भी पूरा नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र में सेवा के लिए राज्यों द्वारा प्रायोजित अधिकारियों की संख्या बहुत कम है. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति हमारे देश में संघीय ढांचे का हिस्सा है. मंत्री ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को सूचित करते हुए उनके पास लंबित ऐसी सभी समीक्षाओं को शीघ्रता से पूरा करने में राज्य सरकारों के सहयोग का अनुरोध किया.
एक तिहाई संख्या में भी अफसर प्रतिनियुक्ति का अवसर नहीं पा रहे हैं
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की तैनाती के लिए प्रत्येक राज्य का केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व कोटा तय है. यह राज्य में सीनियर ड्यूटी पोस्ट के लिए उपलब्ध पदों का 40 प्रतिशत तक होता है, लेकिनआंकड़े बताते हैं कि पिछले तीन सालों में इस कोटे के एक तिहाई संख्या में भी आईएएस और आईपीएस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति का अवसर नहीं पा रहे हैं.
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