झारखंड

फोर्टिफाइड चावल का अध्ययन करने पहुंचे वैज्ञानिक

Admin Delhi 1
8 May 2023 8:16 AM GMT
फोर्टिफाइड चावल का अध्ययन करने पहुंचे वैज्ञानिक
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जमशेदपुर न्यूज़: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन हैदराबाद की दो सदस्यीय टीम पूर्वी सिंहभूम जिले के दौरे पर है. डॉ. समर सिन्हा रेड्डी एन के नेतृत्व वाली टीम पूर्वी सिंहभूम जिले में जन वितरण प्रणाली की दुकानों के माध्यम से बांटी जा रही फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति का मूल्यांकन और शोध करने आयी है.

इस टीम ने पहले दिन को जमशेदपुर शहरी क्षेत्र का दौरा किया. इस दौरान उसने एफसीआई और एसएफसी के गोदामों का निरीक्षण किया और कर्मचारियों से बात की. टीम ने घाटशिला का दौरा किया. इस दौरान वैज्ञानिकों ने घाटशिला प्रखंड के हेंदलजुड़ी गांव के राशन दुकानदार और वहां राशन लेने पहुंचे आठ लाभुकों से मिलकर प्रतिक्रिया जानी. टीम वहां से बनकाटी स्थित राइस मिल भी गई, जहां पर चावल को फोर्टिफाइड किया जाता है. सुबह टीम हैदराबाद रवाना हो जाएगी. इस दौरान सभी से विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त की. सभी से सुझाव भी लिया गया.

2024 तक 292 जिलों में होगी आपूर्ति

पूर्वी सिंहभूम फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति के लिए झारखंड में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित जिला है. यहां इससे जुड़े सभी स्टेक होल्डर से बातचीत कर ये वैज्ञानिक अपना शोधपूर्ण नजरिया प्रस्तुत करेंगे. दरअसल 2024 से देश के 292 जिलों में अतिरिक्त पोषण वाले फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति की योजना है. पूर्वी सिंहभूम जिले की 22 मिलों में चावल को फोर्टिफाइड किया जाता है. तैयार चावल को फोर्टिफाइड करने के लिए मिल मालिक फोर्टिफाइड राइस केरनल (एफआरसी) तेलंगाना से मंगाते हैं. चावल के ऊपर इस एफआरसी की परत चढ़ाई जाती है. वैज्ञानिकों के अनुसार यह चावल सिकल सेल एनीमिया के मरीजों के लिए ठीक नहीं है.

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