झारखंड

झारखंड में एक बार फिर से स्कूली बच्चों को मिलेगा भोजन पैकेट, डीबीटी में हो रही ये परेशानी

Renuka Sahu
6 Feb 2022 2:36 AM GMT
झारखंड में एक बार फिर से स्कूली बच्चों को मिलेगा भोजन पैकेट, डीबीटी में हो रही ये परेशानी
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फाइल फोटो 

झारखंड में स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब फूड पैकेट दिया जाएगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड में स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब फूड पैकेट दिया जाएगा। राज्य में मध्याह्न भोजन के कुकिंग कॉस्ट की राशि से फूड पैकेट तैयार करके देने की एक बार फिर से तैयारी शुरू कर दी गई है। फुड पैकेट अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 तक के लिए कक्षा एक से आठवीं कक्षा तक में पढ़ने वाले सभी बच्चों को दिया जाएगा। पिछले 10 महीनों के लिए 32 लाख छात्र-छात्राओं के लिए 370 करोड़ की कुकिंग कास्ट की राशि है। इस राशि से फूड पैकेट देने या फिर राशि बच्चों के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर करने के लिए अंतिम निर्णय स्टीयरिंग कमेटी करेगी। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की ओर से स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने कमेटी को प्रस्ताव भेज दिया है।

नहीं हो सका टेंडर
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के कारण राज्य के स्कूल 17 मार्च 2020 से ही बंद थे। इसके कारण बच्चों को दिया जाने वाला मिड डे मील बंद था। बच्चों को चावल उपलब्ध कराया जा रहा था और कुकिंग कॉस्ट की राशि भी दी जा रही थी। सितंबर 2020 से मार्च 2021 तक के कुकिंग कॉस्ट की राशि के लिए टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू की गई। दो कंपनियों के टेंडर फाइनल भी हुए, लेकिन इसे रद्द कर दिया गया और बाद में बच्चों के बैंक खाते में ही राशि देने का निर्णय लिया गया। वर्तमान मे डीबीटी के माध्यम से राशि भुगतान की प्रक्रिया जारी है। बच्चों को अभी भी अप्रैल 2021 से कुकिंग कॉस्ट की राशि नहीं मिल सकी है। पहली से पांचवीं के बच्चों को एक दिन के कुकिंग कॉस्ट की राशि के रूप में 5.91 रुपए और छठी से आठवीं के बच्चों को 7.45 रुपए दिये जाते हैं। बच्चों को दो सौ से ज्यादा दिनों की कुकिंग कॉस्ट की राशि उपलब्ध करायी जाएगी।
बच्चों के खाते में राशि देने में हो रही समस्या
मिड डे मील की कुकिंग कॉस्ट की राशि बच्चों के बैंक खाते में देने में परेशानी हो रही है। यह परेशानी बैंक खाता नहीं होने, बैंक खाता का केवाईसी अपडेट नहीं होने, मिनिमम बैलेंस नहीं होने पर खाता लंबित होने के कारण हो रही है। साथ ही बच्चों के खाते में मिनिमम वैलेंस नहीं होने पर राशि काटने तक की शिकायत मिल रही है। शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को बच्चों का बैंक खाता खुलवाने का निर्देश दिया है। साथ ही जिनका खाता नहीं खुल रहा उनके माता-पिता के खाते में उनका नाम जोड़ने और बैंक की ओर से की जा रही आपत्तियों का निराकरण का निर्देश दिया गया है। राशि ट्रांसफर करने में आ रही शिकायतों और सभी बच्चों तक सीधे राशि नहीं जाने की स्थिति में सरकार 10 महीने के कुकिंग कॉस्ट की राशि का खाद्य सामग्री खरीद कर देने का मन बना रही है।
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