झारखंड

60 हजार तक हो सकती है सैलेरी, अंतिम बार 2015 में हुई थी बढ़ोत्तरी

SANTOSI TANDI
30 July 2023 7:55 AM GMT
60 हजार तक हो सकती है सैलेरी, अंतिम बार 2015 में हुई थी बढ़ोत्तरी
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अंतिम बार 2015 में हुई थी बढ़ोत्तरी
झारखंड के विधायक और मंत्रियों के वेतन में बढ़ोत्तरी हो सकती है। इसकी पूरी संभावना जतायी जा रही है। विधानसभा सूत्रों के मुताबिक इसी मॉनसून सत्र में वेतन बढ़ोत्तरी से संबंधित प्रस्ताव सदन में लाया जा सकता है। गौरतलब हो कि झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान वेतन वृद्धि की बात हुई थी। उस समय भाजपा विधायक भानू प्रताप शाही ने दिल्ली की तर्ज पर वेतन बढ़ाने की बात कही थी। तब सरकार की ओर से इस विषय पर स्पष्ट उत्तर नहीं आया था। राज्य में अंतिम बार वेतन में वृद्धि साल 2015 में रघुवर दास सरकार में हुई थी।
सहमति मिलते ही इतना होगा वेतन
मॉनसून सत्र में अगर इस प्रस्ताव पर सहमति बन जाती है तो विधायकों का वेतन 60 हजार रुपये तक हो सकता है। दरअसल बजट सत्र के दौरान वेतन वृद्धि की बात के बाद सदन ने भाजपा के वरिष्ठ विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी की अध्यक्षता में एक समिति बनायी थी। इस समिति को वेतन वृद्धि से संबंधित रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया था। बताया जा रहा है कि इस कमिटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
क्या है समिति की अनुशंसा
भाजपा के वरिष्ठ विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी की अध्यक्षता में बनी विधानसभा की समिति की ओर से मंत्रियों और विधायकों के वेतन वृद्धि से संबंधित जो प्रस्ताव तैयार किया गया है,उसके अनुसार विधायकों का वेतन 40 हजार से बढ़ाकर 55 से 60 हजार रुपये प्रतिमाह करने की अनुशंसा की गई है। बताया जा रहा है कि इस प्रस्ताव को अब चलते मानसून सत्र में लाने की तैयारी की जा रही है।
बजट सत्र में महंगाई का दिया था हवाला
विधायक और मंत्रियों के वेतन में वृद्धि की बात बजट सत्र के दौरान हुई थी। वेतन बढ़ोत्तरी की बात भाजपा विधायक भानू प्रताप शाही ने की थी। उन्होंने कहा था कि दिल्ली की तरह झारखंड में भी विधायकों का वेतन बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने महंगाई बढ़ने के कारण समय की मांग को आधार पर बनाकर विधायकों का वेतन बढ़ाने की मांग की थी। उनकी इस मांग पर पक्ष और विपक्ष के सदस्य सहमत दिखे थे।
अभी इतना मिलता है वेतन
पिछली बार वेतन में बढ़ोत्तरी रघुवर दास सरकार में साल 2015 में हुई थी। तब मुख्यमंत्री की बेसिक सैलरी 70 हजार से बढ़ाकर 80 हजार रुपये और विधायकों का मूल वेतन 30 हजार से बढ़ाकर 40 हजार रुपये किया गया था। विपक्ष के नेता का बेसिक वेतन 50 हजार प्रतिमाह से बढ़ाकर 65 हजार कर दिया गया था व विस अध्यक्ष का मूल वेतन 55 हजार से बढ़ाकर 78 हजार रुपये किया गया था। मुख्य सचेतक का वेतन 2017 में बढ़ोतरी के बाद 55 हजार किया गया। इसी तरह उप मुख्य सचेतक को 50 हजार और सचेतक को 45 हजार रुपये वेतन दिया जाता है। विधायकों की सैलेरी 40 हजार हुई थी।
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