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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पर आखिकार ईडी ने अपनी दबिश दी
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पर आखिकार ईडी ने अपनी दबिश दी. ईडी की टीम ने साहिबगंज में टेंडर मैनेज करने सें जुड़े केस में पंकज मिश्रा और उसके करीबी पत्थर कारोबारियों, साहिबगंज में गंगा नदी में फेरी सर्विस से जुड़े लोगों समेत 15 लोगों के ठिकानें पर शुक्रवार को छापेमारी की. छापेमारी के दौरान पत्थर कारोबारी हीरा भगत के यहां से तकरीबन सवा तीन करोड़ नकदी मिले. वहीं, छापेमारी के दौरान अलग अलग जगहों से ईडी ने कुल सवा पांच करोड़ के करीब नकदी बरामद की है. इसके अलावा निवेश और खनन से जुड़े कई कागजात भी ईडी ने जब्त किए हैं.
साहिबगंज में बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत अन्य लोग अप्रैल महीने से ही ईडी की रडार पर आ गए थे. तीन अप्रैल को टेंडर विवाद में दर्ज केस में झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आमलगीर आलम, बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत अन्य आरोपियों से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने मनी लाउंड्रिंग के पहलूओं पर जांच शुरू कर दी गई थी. 19 अप्रैल को ईडी ने इस मामले में शिकायतकर्ता ठेकेदार शंभू प्रसाद का बयान भी लिया था.
दरअसल 22 जून 2020 को साहिबगंज के बरहरवा में हाट बाजार की बंदोबस्ती के टेंडर के विवाद को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था. इसमें ठेकेदार शंभू नंदन कुमार ने मंत्री आलमगीर आलम, बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत अन्य लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी. ईडी ने बरहरवा थाने में दर्ज केस के आधार पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट 2002 (2003 के धारा 15) के तहत जांच शुरू की थी. इसी बीच छह मई के बाद ईडी ने मनरेगा घोटाले में निलंबित खान सचिव पूजा सिंघल समेत अन्य लोगों के ठिकाने पर छापेमारी की थी. छापेमारी के बाद इस मामले में जब ईडी ने पूछताछ शुरू की, तब मामले का तार साहिबगंज से जुड़ा था. ईडी ने साहिबगंज के डीएमओ विभूति कुमार समेत कई अफसरों से पूछताछ की थी. मामले में ईडी को तथ्य मिले थे कि अवैध खनन के जरिए करोड़ों की उगाही की जा रही है. पूछताछ में पंकज मिश्रा का नाम सामने आया था.
फेरी सर्विस भी रडार पर: ईडी की रडार पर साहिबगंज से कटिहार के मनिहारी घाट तक फेरी सर्विस चलाने वाले लोग भी आए थे. फेरी सर्विस के टेंडर के लिए नाविक समिति में कटिहारी में पांच करोड़ से अधिक नकदी जमा करायी थी. इस मामले में ईडी ने नाविक समिति से जुड़े लोगों को नोटिस जारी किया था. वहीं, साहिबगंज जाकर ईडी ने टीम ने अवैध खनन से लेकर फेरी सर्विस में अनियमितता के साक्ष्य जुटाए थे. तकरीबन डेढ़ माह तक ईडी की टीम ने इन तथ्यों पर का किया, इसके बाद एक साथ दबिश दी. ईडी ने यह भी जानकारी जुटायी थी कि जिस टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने से ठेकेदार शंभू नंदन को रोका गया था, उसमें कितने रूपये की राशि जुड़ी थी, साथ ही पूरे टेंडर प्रक्रिया व इससे होने वाले संभावित आय की जानकारी ईडी ने जुटायी थी.
क्या था मामला: बरहरवा में हाट बाजार के बंदोबस्ती के टेंडर को लेकर जून 2020 में विवाद हुआ था. टेंडर प्रक्रिया के पहले मंत्री आलमगीर आलम, पंकज मिश्रा और ठेकेदार शंभूनंदन प्रसाद के बीच बातचीत का एक ऑडियो वायरल हुआ था. जिसमें शंभू नंदन को टेंडर प्रक्रिया में शामिल नहीं होने को कहा गया था. ऑडियो में पंकज मिश्रा और शंभू कुमार प्रसाद के बीच तीखी बहस भी रिकार्ड हुई थी. ऑडियो वायरल होने के बाद जब टेंडर प्रक्रिया में शंभू नंदन शामिल होने गए थे, तब विवाद हो गया था. विवाद के बाद शंभू नंदन प्रसाद के आवेदन पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई थी. वहीं बरहरवा निवासी दिलीप साहा और उदय कुमार हजारी के आवेदन पर ठेकेदार शंभू नंदन प्रसाद को आरोपी बनाया गया था.

Rani Sahu
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