राँची न्यूज़: रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा के कुलपति पद की योग्यता पर सवाल उठाते हुए अधिवक्ता राजीव कुमार ने राज्यपाल के प्रधान सचिव को को पत्र लिखकर जांच व न्यायिक कार्रवाई की मांग की है. जिसमें रांची विश्वविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालयों में रिक्त कुलपति पद के लिए फरवरी 2018 में जारी विज्ञापन के तहत 10 वर्षों का प्रोफेसर या इसके समतुल्य पद पर कार्य करने की योग्यता न रखने का आरोप लगाया है. राजभवन सचिवालय को गलत जानकारी देने का भी आरोप लगाते हुए नियुक्ति जांच की मांग की है. वहीं, विशेष कार्य पदाधिकारी (न्यायिक) की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए हैं. आरोप लगाया गया है कि डॉ सिन्हा द्वारा इंटरनेशनल सेरीकल्चर कमीशन के नाम प्रेषित बायोडाटा में साइंटिस्ट डी के रूप में पदस्थापित होने की पुष्टि की गई है.
वहीं, भागलपुर के सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय की ओर से जून 2019 में जारी कार्यालय आदेश के अनुसार अजीत सिन्हा को डॉ कलाम कृषि महाविद्यालय, किशनगंज के अधीन एडवांस एंटर ऑन सेरीकल्चर के प्रभारी पदाधिकारी के रूप में संविदा पर 6 माह के लिए नियुक्त किया गया था. इस पत्र की छायाप्रति भी संलग्न की गई है.