धनबाद न्यूज़: ब्रेन ट्यूमर अब एक कॉमन बीमारी हो गई है. यह दो तरह की होती है. एक धीरे-धीरे अपना असर दिखाती है और दूसरी तेजी से बढ़ती है. ब्रेन ट्यूमर के संकेत शरीर को मिलने लगते हैं और समय पर इनकी पहचान जरूरी है.
शुरुआत में अगर ब्रेन ट्यूमर की पहचान हो जाए तो इसका इलाज आसानी से हो सकता है, लेकिन ज्यादा समय होने पर ब्रेन ट्यूमर के कारण मरीज की मेमोरी लॉस, पैरालाइसिस, बोलने में दिक्कत समेत अन्य तरह की बीमारियां हो सकती हैं.
ब्रेन ट्यूमर एक खतरनाक मेडिकल सिचुएशन है, जिसमें कैंसर की संभावना बनी रहती है. शहर में दो प्राइवेट अस्पताल और पांच न्यूरो सर्जन और फिजिशियन के पास औसतन महीने में 45 से 50 ब्रेन ट्यूमर के मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. शहर के जाने-माने न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. एमएन सिंह ने बताया कि उनके पास महीने में औसतन 3-4 ब्रेन ट्यूमर के नए मरीज इलाज के लिए आते हैं. सीटी स्कैन और एमआरआई से इसकी पहचान की जा सकती है. समय पर इसका इलाज नहीं होने से बीमारी गंभीर रूप ले लेती है, जिससे मरीज की जान भी जा सकती है. साथ ही इसका इलाज भी काफी महंगा है.
सिर दर्द के तरीके में बार-बार बदलाव खतरनाक डॉ. सिंह ने बताया कि सिर में दर्द के तरीके में बार-बार बदलाव होना ब्रेन ट्यूमर का सबसे अहम लक्षण हो सकता है. जब दिमाग में ट्यूमर बढ़ने लगता है तो खून की धमनियां और नर्व्स को दबाता है, जिससे दिमाग में फ्ल्यूड के मूवमेंट पर असर पड़ता है. नर्व्स में होने वाले प्रेशर की वजह से सिर दर्द लगातार होता है और इसके तरीके बार-बार बदलते हैं. शहर के दो बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम और सदर अस्पताल में ब्रेन ट्यूमर के चिकित्सक नहीं हैं. लोगों को निजी अस्पतालों में इलाज कराना पड़ता है.
ऐसे करें बचाव:
● विटामिन-सी मस्तिष्क कैंसर के मरीजों के ट्यूमर को तेजी से खत्म कर सकता है.
● ज्यादा जगने की आदत न बनाएं. नर्व्स सिस्टम को परेशानियों से बचाएं. भरपूर नींद लें.
● जंक और डब्बा बंद खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें.
ये हैं प्रमुख लक्षण:
सिर में अक्सर दर्द रहना, व्यवहार में परिवर्तन, दौरे पड़ना, आंखों की रोशनी कम होना, शरीर में परिवर्तन होना, स्वभाव में परिवर्तन होना, सुनाई कम देना, शरीर में एक तरफ की कमजोर, अक्सर मतली या उल्टी आना, थकान महसूस करना, नींद की समस्या, याददाश्त में प्रभाव.