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रिम्स में डेंटल कॉलेज घोटाले को लेकर दो पूर्व निदेशक डॉ बीएल शेरवाल और डॉ सत्येंद्र कुमार चौधरी के अलावा डेंटल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ पंकज गोयल और मैक्सिलोफेसियल सर्जरी विभाग के पूर्व एचओडी डॉ वीके प्रजापति को शोकॉज किया गया है
Ranchi: रिम्स में डेंटल कॉलेज घोटाले को लेकर दो पूर्व निदेशक डॉ बीएल शेरवाल और डॉ सत्येंद्र कुमार चौधरी के अलावा डेंटल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ पंकज गोयल और मैक्सिलोफेसियल सर्जरी विभाग के पूर्व एचओडी डॉ वीके प्रजापति को शोकॉज किया गया है. रिम्स के अपर निदेशक (प्रशासन) चंदन ने सात दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है. रिम्स के अपर निदेशक ने शोकॉज मे कहा है कि पत्र प्राप्त होने के सात दिनों के अंदर स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देने पर सभी के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि 66 पन्नों की रिपोर्ट में महालेखाकार (एजी) ने माना था कि रिम्स डेंटल कॉलेज के लिए उपकरणों की खरीद में जमकर घोटाला हुआ था. 37.42 करोड़ की उपकरण खरीद में 20 करोड़ से अधिक के कमीशन का खेल हुआ. 4.25 लाख में मिलने वाली बेसिक डेंटल चेयर 14.28 लाख में, तो 18 लाख की एडवांस डेंटल चेयर 42.86 लाख में खरीदी गई. 41 लाख की डेंटल मोबाइल वैन 1.48 करोड़ में खरीदी गई. बिना आवश्यकता के 110 बेसिक डेंटल चेयर और 15 एडवांस डेंटल चेयर खरीदी गयी थी.
डेंटल चेयर एनआईटी के मानक के अनुरुप नहीं था
कॉलेज में सप्लाई की गई डेंटल चेयर एनआईटी के मानक के अनुरुप नहीं था. इसके बाद भी रिम्स अधिकारियों ने इंस्टॉलेशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया. भौतिक सत्यापन में पाया गया कि डेंटल चेयर में कई सामान नहीं लगाए गए. घोटाले पर तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री ने 12 सितंबर 2016 को रिम्स निदेशक को पत्र लिखकर आगाह किया था. तब निदेशक ने डीके मेडिकल और श्रीनाथ इंजीनियरिंग को नोटिस जारी किया. दोनों कंपनियों ने जवाब भी दिया. फिर भी निदेशक ने 5.40 करोड़ का बिल पास कर दिया.
Rani Sahu
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