झारखंड

सोरेन सरकार का राजस्व घाटा बढ़ा, विधानसभा में पेश हुई सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण पर असर

Renuka Sahu
5 Aug 2022 3:07 AM GMT
Revenue deficit of Soren government increased, audit report of CAG presented in assembly, impact on infrastructure construction
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फाइल फोटो 

झारखंड सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के एकाउंट्स की सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट पेश की।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के एकाउंट्स की सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट पेश की। ऑडिट रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्राथमिक घाटा 2722 करोड़ रुपए से बढ़कर 9121 करोड़ रुपए हो गया। यह अंतर दिखाता है कि राज्य के पास अपने वर्तमान निर्णय और वर्ष के दौरान आधारभूत संरचना के निर्माण पर खर्च करने के लिए धन कम था।

एफआरबीएम कानून के अनुसार, राज्य सरकार को वार्षिक बजट के साथ एक पंचवर्षीय वित्तीय योजना राज्य विधानसभा के सामने पेश करनी होती है। मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति विवरणी (एम.टी.एफ.पी.एस.) को निर्धारित वित्तीय संकेतकों के लिए पांच साल का रोलिंग लक्ष्य निर्धारित करना है। राज्य विधानसभा में पेश किये गये एम.टी.एफ.पी.एस. में 2020-21 के लिए किये गये अनुमानों के साथ 2020-21 के बजट और वर्ष के वास्तविक बजट के बीच के अंतर को प्रदर्शित करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019-20 में 1960 करोड़ के राजस्व अधिशेष को 2020-21 में 3114 करोड़ के घाटे में बदल दिया गया। इसी तरह रिपोर्ट के अनुसार राजकोषीय घाटा 2019-20 में 8035 करोड़ के मुकाबले 2020-21 में बढ़कर 14,911 करोड़ हो गई।
सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य का प्राथमिक घाटा 2020-21 में 2,722 करोड़ से बढ़कर 9121 करोड़ हो गया, जो दर्शाता है कि राज्य के पास अपने वर्तमान निर्णय और वर्ष के दौरान आधारभूत संरचना के निर्माण पर खर्च करने के लिए कम धन था। राज्य एसटीएफपीएस में 2020-21 के लिए निर्धारित सभी लक्ष्यों को पाने में विफल रहा है। राजकोषीय घाटा अनुपात 2020-21 में 4.70 प्रतिशत हो गया, जो पिछले वर्ष 2.50 प्रतिशत था।
-2020-21 के दौरान, राजस्व व्यय की वृद्धि 2019-20 में 11.50 प्रतिशत के मुकाबले पांच प्रतिशत थी। राज्य को अपने राजस्व व्यय को पूरा करने के लिए पिछले वर्ष ( 2019-20 में 12.68 प्रतिशत के विरूद्ध 2020-21 में 15.65 प्रतिशत) की तुलना में अधिक धन उधार लेना पड़ा।
-राजस्व के रूप में प्राप्त प्रत्येक 100 रुपए के लिए 2020-21 के दौरान अपने राजस्व व्यय को प्रतिपूर्ति करने के लिए अतिरिक्त 5.55 रुपए उधार लेना पड़ा।
-जबकि 2016-21 की अवधि के दौरान राजस्व व्यय में वृद्धि हुई, पूंजीगत व्यय बहुत तेज दर से कम हो रहा है।
-2016-17 के दौरान पूंजीगत व्यय की तुलना में 2020-21 में पूंजीगत व्यय में 22 प्रतिशत की कमी आई, जो राज्य द्वारा अवधि के दौरान बुनियादी ढांचे और संपत्ति निर्माण पर कम प्राथमिकता का संकेत था।
राजस्व प्राप्तियों में उल्लेखनीय कमी
वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान, राज्य के अपने संसाधनों के रूप में या केंद्र सरकार से प्राप्तियों के रूप में सभी स्त्रत्तेतों से प्राप्तियों में कमी के कारण राजस्व प्राप्तियों में उल्लेखनीय कमी देखी गई। हालांकि, स्वयं के कर में 109 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई, लेकिन इस वृद्धि 2020-21 में घटकर 0.70 प्रतिशत हो गई, जो 2019-20 में 13.70 प्रतिशत थी। 2020-21 के दौरान गैर कर राजस्व, केंद्रीय कर हस्तांतरण और सहायता अनुदान में पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय रूप से क्रमश: 1186 करोड़, 881 करोड़ तथा 310 करोड़ रुपए की कमी आयी।
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