
रामगढ़: इस वर्ष मानसून ने किसानों को फिर से दगा दिया है. मौसम की बेरुखी के कारण किसान परेशान हैं. सावन माह में कम वर्षा के कारण अब तक धान की रोपाई नहीं शुरू हो पाई है. वहीं बारिश नहीं होने के कारण बिचड़े खेतों में ही नष्ट होने लगे हैं. इसको लेकर किसान सरकार से मदद की मांग कर रहे हैं.
मौसम की बेरुखी ने फिर से किसानों के माथे पर बल पड़ना शुरू कर दिया है. सामान्य से भी कम वर्षा होने के कारण किसान सावन माह प्रारंभ हो जाने पर भी अपने खेतों पर धान की फसल नहीं लगा पाए हैं. इसको लेकर किसानों का कहना है कि पहले हमलोग रथ मेला के बाद से ही खेतों में रोपनी शुरू कर देते थे. लेकिन इस बार अपेक्षाकृत बारिश ना से धान की रोपनी अब तक नहीं हो पाई है. जानकारी के अनुसार 1/6/22 से 20/07/22 क्षेत्र में 150.9 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि सामान्य रूप से 389.8 मिलीमीटर इस समय तक होनी चाहिए थी. जो अभी तक 25 से 30 प्रतिशत ही वर्षा होने का अनुमान की किया गया है.
किसानों ने कहा कि अब तो संयम भी जवाब देने लगा है, समय पर रोपनी नहीं होने और कम वर्षा के कारण खेतों में ही बिछड़े नष्ट होने लगे हैं. अगर सरकार फसल बीमा नहीं कराती है तो वो परिवार सहित भूखों मरने की नौबत आ जाएगी. इस संबंध में कृषि के अनिल कुमार ने कहा कि पटवन कर किसान किसी प्रकार बिछड़े को बचाकर रखे हैं. मगर अब धान रोपनी का भी समय निकला जा रहा हैं. हमने आच्छादन की रिपोर्ट जो सरकार को भेजी है, वह भी शून्य है. अब किसान सरकार की ओर टकटकी निगाह से देख रही है कि कब राहत की घोषणा होती है.