झारखंड
झारखंड मे डॉक्टरों को राहत, सरकारी डॉक्टर आयुष्मान से जुड़े अस्पतालों में दे सकेंगे सेवा, सका रखना होगा ख्याल
Renuka Sahu
21 Aug 2022 3:43 AM GMT
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फाइल फोटो
राज्य सरकार ने सरकारी चिकित्सकों को कार्यावधि के बाद निजी प्रैक्टिस की छूट दे दी है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राज्य सरकार ने सरकारी चिकित्सकों को कार्यावधि के बाद निजी प्रैक्टिस की छूट दे दी है। यह निर्णय शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री के साथ आईएमए, झासा व एचबीआई के प्रतिनिधियों की बैठक में लिया गया। वहीं मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट पर मुख्यमंत्री से विमर्श के बाद फैसला होगा। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सरकारी चिकित्सक आयुष्मान भारत से संबद्ध अधिकतम चार अस्पतालों में ही निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं। उसमें भी जितना मरीज वह निजी अस्पतालों में देखेंगे उतने ही का उपचार सरकारी अस्पतालों में भी करना होगा।
यही नहीं, उक्त संबद्ध अस्पतालों को भी तीन माह तक बदला नहीं जा सकेगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, अभियान निदेशक, एनएचएम भुवनेश प्रताप सिंह, स्रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद के अलावा आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार सिंह, सचिव डॉ प्रदीप सिंह, झासा के प्रांतीय सचिव डॉ विमलेश सिंह, आईआईएम रांची के अध्यक्ष डॉ शंभू प्रसाद सिंह, झासा के डॉ ठाकुर मृत्युंजय कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।
सरकारी डॉक्टर आयुष्मान से जुड़े अस्पतालों में दे सकेंगे सेवा
सरकारी डॉक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक समेत विभिन्न मामलों को लेकर शनिवार को रांची में स्वास्थ्य मंत्री और आईएमएम के बीच बैठक हुई। बैठक में सरकारी डॉक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस पर सरकार द्वारा बंद कराने के निर्णय पर फिर से विचार करने और सरकारी डॉक्टरों को आयुष्मान से जुड़े चार प्राइवेट अस्पतालों में प्रैक्टिस करने की इजाजत देने का आश्वासन दिया गया है। बैठक के बाद आईएमएम ने 23 अगस्त से आहूत डॉक्टरों की हड़ताल को स्थगित करने की घोषणा कर दी है।
बता दें कि सरकारी चिकित्सकों के निजी प्रैक्टिस करने की शर्तों को हटाने, क्लीनिकल एस्टेबलिशमेंट एक्ट के व्यवहारिक कठिनाइयों पर विमर्श कर एक्ट को अधिक उपयोगी बनाने, राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने एवं पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के मामलों को लेकर आईएमए ने 23 अगस्त से राज्य व्यापी हड़ताल की घोषणा कर रखी थी। इसको लेकर शनिवार को रांची में बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य सचिव समेत विभाग के कई राज्य स्तरीय अधिकारी शामिल हुए।
वहीं, आईएमएम झारखंड के अध्यक्ष डॉ. एके सिंह के नेतृत्व में सचिव प्रदीप कुमार सिंह, झासा के अध्यक्ष डॉ. विमलेश सिंह, डॉ. ए. चक्रवर्ती आदि ने बैठक में भाग लिया। आईएमएम झारखंड के अध्यक्ष डॉ. एके सिंह के अनुसार बैठक काफी सकारात्मक रही। सरकारी डॉक्टरों को आयुष्मान से जुड़े चार प्राइवेट अस्पतालों में प्रैक्टिस करने की छूट देने का आश्वासन दिया गया है। आईएमएम दूसरे राज्यों की तर्ज पर झारखंड में भी 50 बेड तक के अस्पतालों को क्लीनिकल एस्टेबलिशमेंट एक्ट से बाहर रखने की मांग कर रहा था।
इस पर दूसरे राज्यों के प्रावधानों के अध्ययन उपरांत निर्णय लेने का आश्वासन दिया गया है। यह भी आश्वासन दिया गया है कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने पर सरकार मंथन कर रही थी। बैठक में कहा गया कि कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए सरकारी पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट को लेकर गंभीर है। इस पर आईएमए ने सरकार को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया है। डॉ. सिंह के अनुसार वार्ता के बाद आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।
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