झारखंड

प्रतिबंधित जमीन की भी हो गयी रजिस्ट्री, सीएनटी जमीन को गैर सीएनटी की श्रेणी में डाला

Rani Sahu
30 July 2022 4:16 PM GMT
प्रतिबंधित जमीन की भी हो गयी रजिस्ट्री, सीएनटी जमीन को गैर सीएनटी की श्रेणी में डाला
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जिले में जांच होगी तो गड़बड़ियों की लंबी फेहरिश्त निकलेगी जिसमें बड़े छोटे कई अधिकारी फंसेंगे

Koderma: जिले में जांच होगी तो गड़बड़ियों की लंबी फेहरिश्त निकलेगी जिसमें बड़े छोटे कई अधिकारी फंसेंगे. यह अलग बात है कि जिनपर जांच कर कार्रवाई करने की जिम्मेवारी होती है, वही गम्भीर नहीं होते. ऐसे ही मामले में जीएम खास व अन्य प्रकृति की जमीन के संबंध में पूर्व डीसी शिवशंकर तिवारी के प्रतिबंध को दरकिनार कर निबंधन विभाग ने ऐसी जमीनों की रजिस्ट्री कर दी है. इसके साथ ही सीएनटी की जमीनों को गैर सीएनटी श्रेणी के लोगों को भी रजिस्ट्री कर देने का मामला सामने आया है. अभी प्रारंभिक जांच में 40 डीड ऐसे पाये गये जिसमें प्रतिबंधित व सरकारी भूमि का रजिस्ट्री कर दिया गया. अब गहन जांच के साथ-साथ जिम्मेवार अधिकारियों व कर्मियों को चिह्नित किया जा रहा है. कोडरमा अंचल में जांच के दौरान अंचलाधिकारी द्वारा झुमरीतिलैया के गुमो मौजा अंतर्गत 30 डीड को चिह्नित किया गया है, जो गैरमजरूआ व प्रतिबंधित भूमि है. ऐसी भूमि का खाता, प्लाट बदलकर रजिस्ट्री कर दी गई. बताया जा रहा है कि निबंधन में एलपीसी व मूल दस्तावेजों की जांच तक नहीं की गई. वहीं रजिस्ट्री के बाद संबंधित भूमि का अंचल स्तर से म्यूटेशन भी हो गया. ऐसे में जिम्मेदार अधिकारी व कई कर्मियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है. डीसी आदित्य रंजन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए निबंधन पदाधिकारी को तीन दिनों के अंदर दोषियों को चिह्नित करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है. वहीं पूर्व में भी ऐसी भूमि के निबंधन को लेकर प्रतिवेदन मांगा गया था, लेकिन निबंधन विभाग ने नहीं दिया. गैरमजरूआ भूमि का खाता बदलकर रजिस्ट्री व म्यूटेशन मामले में डीसी ने कोडरमा के पूर्व सीओ अशोक राम, वर्तमान सीओ अनिल कुमार, पूर्व सीआई नरेश कुमार बर्मा, सीआई धीरेंद्र कुमार, सीआई जितेंद्र कुमार, राजस्व कर्मचारी मनोज सिंह, नीतिश कुमार से भी स्पष्टीकरण मांगा है. वहीं खाता किस अधिकारी-कर्मी के लागिन से बदला गया, इसकी जांच की जा रही है. किस परिस्थिति में जीएम भूमि का म्यूटेशन किया गया, इसका जवाब तीन दिनों के अंदर मांगा गया है. इधर जिले में जमीन के निबंधन का एक और मामला भी चर्चा का विषय बना हुआ है. सीएनटी की जमीन के निबंधन के लिए वरीय अधिकारी द्वारा मंजूरी दिए जाने का मामला भी हाई कोर्ट तक पहुंचा है. जांच हुई तो ऐसे और भी मामले सामने आएंगे जिसमें बड़ी अनियमितता का आरोप लगाया जा रहा है.

सोर्स- News Wing

Rani Sahu

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