झारखंड

राम बिनोद की सजा बढ़ाने को रिकॉर्ड ट्रांसफर

Admin Delhi 1
25 April 2023 6:43 AM GMT
राम बिनोद की सजा बढ़ाने को रिकॉर्ड ट्रांसफर
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राँची न्यूज़: सरकारी धन के दुरुपयोग मामले में दोषी बर्खास्त इंजीनियर राम बिनोद प्रसाद सिन्हा को और अधिक कठोर सजा दिलाने को लेकर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई चल रही है. सुनवाई डे-टू-डे जारी है.

सरकारी राशि 1.76 करोड़ रुपए गबन के 12 साल पुराने मामले में राम बिनोद प्रसाद सिन्हा को प्रथम श्रेणी की न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने भादवि की धारा 409 (लोकसेवक द्वारा सरकारी राशि का दुरुपयोग) के तहत अपराध का दोषी पाया. लेकिन सुनवाई के दौरान मौजूद साक्ष्य पर अदालत ने पाया कि अभियुक्त राम बिनोद सिन्हा को सिर्फ तीन साल की सजा से अधिक कठोर सजा की आवश्यकता है. चूंकि प्रथम श्रेणी की न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत केवल तीन साल की सजा देने का अधिकार रखती है, जबकि अभियुक्त को भादवि की धारा 409 में दोषी पाया गया है. इसमें अधिकतम सजा आजीवन कारावास है. इसको देखते हुए आगे की सुनवाई के लिए रिकॉर्ड को सीजेएम कोर्ट में स्थानांतरित किया गया. जहां अधिकतम सजा बढ़ाने के बिंदु पर सुनवाई जारी है. एपीपी सिद्धार्थ सिंह ने गबन के एक-एक दस्तावेज को अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया है. साथ ही ठोस गवाही कराई है. सिविल कोर्ट के इतिहास में यह पहला मामला है, जब एक जेएम कोर्ट ने और सजा के लिए रिकॉर्ड ऊपरी कोर्ट में स्थानांतरित किया है.

सीआरपीसी की धारा 325 की शक्तियों का प्रयोग:

न्यायिक दंडाधिकारी धृति धैर्या की अदालत ने सीआरपीसी की धारा 325 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए रिकॉर्ड को आगे की कार्रवाई के लिए सीजेएम कोर्ट में स्थानांतरित किया है. रिकॉर्ड को स्थानांतरण करते हुए अदालत ने कहा कि दोषी अभियुक्त की अपराध की प्रकृति और सरकारी धन गबन की विशालता को देखते हुए, अभियुक्त को और अधिक कठोर सजा देने की आवश्यकता है. कारण जेएम प्रथम श्रेणी की अदालत केवल तीन साल तक की सजा देने का अधिकार रखती है. सुनवाई के दौरान एपीपी ने भी कठोर से कठोर कारावास की मांग की थी.

ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल, रांची(एनआरईपी-2) की ओर से 24 जून 2011 को जूनियर इंजीनियर राम बिनोद प्रसाद सिन्हा के खिलाफ 1.76 करोड़ रुपए सरकारी राशि के गबन के आरोप में कोतवाली थाना(कांड संख्या 242/11) में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. अभियुक्त राम बिनोद सिन्हा ने स्वास्थ्य चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग के अधीन तीन योजनाओं (ककरिया, बंता एवं रनिया) के लिए चेक के माध्यम से 1.76 करोड़ रुपए की निकासी कर ली. लेकिन अभियुक्त ने कार्य पूरा नहीं किया और न ही शेष राशि विभाग को लौटायी.

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