झारखंड

प्रेमिका से शादी न होना बताया कारण, 3 दिन पहले ही पार्टी कर माइनप कर्मी ने की खुदकुशी

Admin4
21 July 2022 5:21 PM GMT
प्रेमिका से शादी न होना बताया कारण, 3 दिन पहले ही पार्टी कर माइनप कर्मी ने की खुदकुशी
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माइनप भूमिगत खदान के कर्मी सतीश कुमार खरे (21 वर्ष) ने जोगीडीह के चायना टाउन स्थित कंपनी के आवास संख्या-116 में गुरुवार की सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सतीश छतीसगढ़ के नवागढ़ थाना क्षेत्र के जांगीरचापा के हरदी (हरि) गांव के वार्ड-तीन निवासी भीम राम खरे का पुत्र था। वह कंपनी में पिछले दो-तीन साल से ड्रिलमैन (जनरल मजदूर) पद पर कार्यरत था। साथी मजदूरों का कहना है कि जन्मदिन के तीन दिन पहले ही सतीश ने पार्टी की थी। इसके बाद गुरुवार को खुदकुशी कर ली।

आत्महत्या की सूचना पर बरोरा पुलिस और कंपनी के वरीय अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने कंपनी में ही कार्यरत मृतक के भांजे उमेश्वर माहेश्वरी (छतीसगढ़) की लिखित शिकायत पर यूडी केस दर्ज किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए धनबाद भेज दिया। पुलिस ने सतीश के बेड से पांच पेज का सुसाइड नोट भी बरामद किया है। घटना की सूचना कंपनी प्रबंधन और पुलिस ने परिजनों को फोन पर दे दी है। बरोरा थाना प्रभारी नीरज कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार माइनोप कर्मी की मौत का कारण हैंगिग बताया गया है। बिसरा को रिजर्व रखा गया है।

प्रेमिका से शादी नहीं होने का था मलाल

बेड पर मिले पांच पेज के सुसाइड नोट में सतीश ने आत्महत्या की वजह पारिवारिक उलझन और अपने प्रेमिका के साथ शादी नहीं होना बताया है। नोट में लिखा है कि उसकी प्रेमिका ने उससे कुछ पैसा मांगे थे, लेकिन गलती से वह पैसा दूसरे के अकाउंट में चला गया। उसके बाद प्रेमिका की मां ने शादी से मना कर दिया है। आत्महत्या की दूसरी वजह उसने घरवालों को भी बताया है। सुसाइड नोट में लिखा है कि बेवजह घरवाले उसे डांटते रहते हैं। मंझला भाई भी गाली-गलौज करता है, जिससे वह तंग आ चुका है।

पार्टी की फिर फंदे से लटक गया

सतीश का जन्मदिन 23 जुलाई है। उसने अपने जन्मदिन के तीन दिन पहले 20 जुलाई (बुधवार) की रात में अपने छतीसगढ़िया साथियों के साथ आवास में ही जन्मदिन की पार्टी की। पार्टी देर रात तक चली। गुरुवार की सुबह 6 बजे उसके साथियों ने आवास के बाहर उसे उल्टी करते भी देखा था। इसके बाद सुबह 8 बजे माइनप में ही कार्यरत उसके भांजे उमेश्वर के फोन पर सतीश के घरवालों ने फोन किया कि सतीश फोन नहीं उठा रहा है। जब उसके भांजा उसके आवास देखने गया तो दरवाजा अंदर से बंद था। उसने दूसरे साथियों को बुलाया और आवास का दरवाजा तोड़ा तो देखा कि सतीश करकटनुमा छत के एंगल के सहारे फंदे से लटका हुआ है। आनन-फानन में फंदे से उतारा गया, लेकिन तब-तक उसकी मौत हो चुकी थी।

नोट में लिखा अलविदा

सुसाइड नोट के अंत में उसने बड़े अक्षरों में अलविदा लिखा है। उसने अपने दोस्तों को लिखा है कि तुमलोग मेरे जाने के बाद खुशहाल रहना, मेरे जैसी हरकत तुमलोग किसी भी हाल में नहीं करना, मेरे साथ बिताए गए पलों को एक सपना समझ कर भूल जाना। मेरा सुसाइड लेटर को फाड़ना नहीं, उस लेटर को मेरे घरवालों को दे देना। परिवारवालों से कहा कि मेरी मौत की खबर पाकर आंसू मत बहाना, पहले ही तुमलोग मेरा बड़ा भाई और बड़े चाचा के बेटे को खो चुके हो। अब मैं भी दुनिया को छोड़ कर जा रहा हूं। मैं अपने भतीजा अंकुर को माइनिंग ओवरमैन बनाना चाहता था। तुमलोग उसे पढ़ाना और मेरे अधूरे सपने को पूरा करना। अलविदा। माइनप अधिकारी मनीष झा ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि आत्महत्या का स्पष्ट कारण फिलहाल नहीं कहा जा सकता है। लेकिन घटना स्थल पर पाए गए सुसाइड नोट के आधार पर प्रथमदृष्टया में पारिवारिक उलझन ही आत्महत्या का कारण हो सकता है। शव को कंपनी के खर्च पर उसके गांव भेजा जाएगा। कंपनी में छत्तीसगढ़ के लगभग 30 मजदूर कार्यरत हैं।



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