झारखंड

रांची विश्वविद्यालय ने स्नातकोत्तर सिलेबस में किया बदलाव, जाऩें क्या हटेगा और क्या जुड़ेगा

Renuka Sahu
28 March 2022 5:05 AM GMT
रांची विश्वविद्यालय ने स्नातकोत्तर सिलेबस में किया बदलाव, जाऩें क्या हटेगा और क्या जुड़ेगा
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फाइल फोटो 

झारखंड का रांची विश्वविद्यालय अपने स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के कई विषयों के सिलेबस में बदलाव करने जा रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड का रांची विश्वविद्यालय अपने स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के कई विषयों के सिलेबस में बदलाव करने जा रहा है। जिसके तहत ऐसे अध्याय या टॉपिक हटाए जाएंगे, जो मौजूदा समय में प्रासंगिक नहीं हैं। इसके अलावा कुछ नए टॉपिक भी जोड़े जा रहे हैं।

2017-18 के बाद स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रम में यह बदलाव होने जा रहा है। कोविड काल में विभागों में बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक नहीं हो पायी थी। यह सारी कवायद विश्वविद्यालय प्रशासन नैक मूल्यांकन के द्वितीय चक्र के मद्देनजर कर रहा है।
विभिन्न स्नातकोत्तर विभागों में बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक में सिलेबस में बदलाव के प्रस्ताव की अनुशंसा की जा चुकी है। अब विश्वविद्यालय की अकादमिक काउंसिल की बैठक में इसे स्वीकृति के लिए रखा जाएगा।
कई विषयों के सिलेबस में बदलाव
स्नातकोत्तर अंग्रेजी के सिलेबस में 15 प्रतिशत तक बदलाव किया गया है। इसमें वर्ल्ड लिटरेचर में एशियाई लेखक खालिद हुसैनी के उपन्यास- द काइट रनर को जोड़ा गया है। साथ ही, मिल्टन की कुछ कविताओं को बदला गया है। इसके अलावा भाषा विज्ञान में भी कुछ बदलाव किए गए हैं। राजनीति विज्ञान के सिलेबस में पांच प्रतिशत तक बदलाव होगा। इसमें रिसर्च मेथडोलॉजी में प्लेजरिज्म (साहित्यिक चोरी) विषय को जोड़ा गया है। इसी तरह स्नातकोत्तर योग में क्रिया की पढ़ाई सेमेस्टर-1 से ही होगी।
वहीं, योग के स्नातक पाठ्यक्रम में भी आंशिक बदलाव किया गया है। रसायनशास्त्रत्त्, भौतिकी, जूलॉजी, गणित जैसे विषयों के सिलेबस में भी कुछ टॉपिक बदलकर नए जोड़े गए हैं। संस्कृत, इतिहास, बांग्ला, आर्कियोलॉजी एंड म्यूजियोलॉजी आदि विषयों के सिलेबस में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यूजीसी के दिशा-निर्देश के तहत विश्वविद्यालयों को समय-समय पर पाठ्यक्रमों में समयानुकूल बदलाव करते हुए नए विषयों को जोड़ना है।
पहली बार होगी अकादमिक ऑडिट
विश्वविद्यालय की अकादमिक-प्रशासनिक ऑडिट (ट्रिपल ए) के लिए दो सदस्यीय टीम 30-31 मार्च को विश्वविद्यालय का दौरा करेगी। रांची विश्वविद्यालय का पहली बार अकामिक ऑडिट होने जा रहा है। इसकी नैक मूल्यांकन में बेहतर ग्रेड प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसके लिए विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर के सभी 30 विभागों का डाटा संकलन का काम लगभग पूरा कर लिया है। इसके अलावा सभी विभागों में पेरेंट्स टीचर मीटिंग, एलुमनाई एसोसिएशन, मेंटर-मेंटी, हरित पहल, अनुसंधान आदि का डाटा भी संग्रहित किया गया है।
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