x
Ranchi रांची: एशिया के सबसे बड़े मिट्टी के डैम तेनुघाट का जल्द ही कायाकल्प होगा. इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा. इसका डीपीआर बनाने की जिम्मेवारी गौरव होम प्वाइंट को सौंपी गयी है. साथ ही इसके लिए जरूरी भूमि के चिह्निंत करने के लिए झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम और बोकारो जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है. बताते चलें कि पेटरवार के तेनुघाट में दामोदर नदी के पार एक मिश्रित मिट्टी का बांध है. पंचेत, मैथन, कोनार और तिलैया चार मुख्य बहुउद्देशीय बांध 1953-1959 के दौरान चालू किये गये थे.
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के प्रस्ताव पर शुरू हुआ काम
हर जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के प्रस्ताव पर बोकारो जिला प्रशासन ने तेनुघाट बांध क्षेत्र को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया है. तेनुघाट बांध झारखंड सरकार द्वारा नियंत्रित है. जबकि पंचेत, मैथन, कोनार और तिलैया डीवीसी (दामोदर घाटी निगम) द्वारा नियंत्रित है. तेनुघाट डैम 6 किलोमीटर लंबा, 55 मीटर ऊंचा मिट्टी से भरा तटबंध है, जो बोकारो स्टील प्लांट और बोकारो इंडस्ट्रियल एरिया को पानी की आपूर्ति के लिए बनाया गया था.
224 क्यूसेक किया जाता है जल संचय
तेनुघाट डैम के जलाशय की गहराई 180 और परिधि 16000 फीट है, जिसमें 224 क्यूसेक जल संचय एक साथ किया जाता है. इस डैम का निर्माण बोकारो स्टील प्लांट और बोकारो शहर में जलापूर्ति के लिए किया गया था. वहीं ललपनिया में तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन की स्थापना की गयी, तो तेनु डैम का पानी विद्युत उत्पादन में सहायक सिद्ध हो रहा है.
TagsRanchi पर्यटन स्थलविकसित तेनुघाट डैमRanchi tourist placesdeveloped Tenughat Damजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज की ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsHindi NewsIndia NewsKhabron Ka SilsilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaperजनताjantasamachar newssamacharहिंन्दी समाचार
Tara Tandi
Next Story