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ट्रेन में महिला की मौत
झारखण्ड हावड़ा-हटिया क्रियायोग एक्सप्रेस में की सुबह एक मरीज के परिजन बदहवास ट्रेन में दौड़ रहे थे, कह रहे थे कि कोई डॉक्टर को बुलाओ, नहीं तो मेरे मरीज की जान चली जाएगी. और हुआ भी यही. इलाज में देर की वजह से महिला यात्री की मौत गई.
चलती ट्रेन की हर बोगी में परिवार वाले कोई डॉक्टर हैं, कहकर यात्रियों से मदद की गुहार लगाते रहे. एकाएक मदद के लिए आई आवाज से ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों की नींद अहले सुबह खुल गई. एक-एक कर सेकेंड एसी में बंद पड़ी बोगी की लाइट जलने लगी. लोग आंख मींचते हुए बात को ठीक से समझ नहीं पाए थे, फिर परिवार वाले बोगी में चिल्लाने लगे. कोई मदद करो, कोई डॉक्टर को बुलाओ. यह घटना सुबह हावड़ा-हटिया क्रियायोग एक्सप्रेस में घटी. रेलवे की चिकित्सकीय टीम की लेट लतीफी और उचित सलाह के अभाव में चलती ट्रेन में 69 वर्षीय मधु गुप्ता की मौत हो गई. ऐसे समय परिजनों को मदद मिली, जब महिला मरीज सफर में अपने चार परिवारिक सदस्यों को छोड़कर दुनिया से जा चुकी थी.
जब ट्रेन अहले सुबह मुरी स्टेशन पहुंची, तब आरपीएफ ने बोगी की लाइट जलती देखी. इसके बाद सुरक्षात्मक कारणों से बोगी में जाकर लोगों से पूछा कि लाइट क्यों जली है. इस पर परिजनों ने बताया कि वृद्ध महिला की तबीयत खराब हो गई है. इसके बाद आरपीएफ ने त्वरित संज्ञान लेते हुए रेलवे के अधिकारियों व रेलवे के चिकित्सकीय विभाग को इसकी सूचना दी. परंतु सूचना के 45 मिनट बाद रेलवे के चिकित्सक दौड़ते हुए बोगी में आए. उन्होंने महिला की जांच की और एक दवा दी. जैसे ही डॉक्टर दवा देकर गए और महिला ने दवा खाई, मुंह से झाग निकलने लगा और महिला की हालत और खराब हो गई. फिर परिजन हल्ला कर मदद के लिए पुकारने लगे. इसके बाद दोबारा डॉक्टर आए. जिन्होंने महिला की स्थिति गंभीर बताई और उसे रांची ले जाकर अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी. तब तक ट्रेन एक घंटा 20 मिनट खड़ी रही. सुबह छह बजे यह ट्रेन मुरी से रांची के लिए रवाना हुई. मामले के संबंध में सीनियर डीसीएम निशांत कुमार से जानकारी लेने के लिए संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.
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