झारखंड

रांची पंजाब यूपी और रीच रही राइफल, थ्री टीचर धराए, रिटेल में हुआ खुलासा, गैंग में एक चोर से ज्यादा चोर

SANTOSI TANDI
3 Oct 2023 6:51 AM GMT
रांची पंजाब यूपी और रीच रही राइफल, थ्री टीचर धराए, रिटेल में हुआ खुलासा, गैंग में एक चोर से ज्यादा चोर
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थ्री टीचर धराए, रिटेल में हुआ खुलासा, गैंग में एक चोर से ज्यादा चोर
झारखण्ड आतंकवाद निरोधी दस्ता(एटीएस) ने अफीम की तस्करी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार तस्करों में खूंटी के राम सिंह मुंडा, चतरा के विरेंद्र दांगी और हटिया निवासी राजकुमार साव उर्फ छोटू शामिल हैं. इन तस्करों के पास से एटीएस ने पांच किलो अफीम के अलावा करीब 33 हजार नकद रुपए व बाइक जब्त की है.
गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ और छानबीन के दौरान एटीएस को कई अहम जानकारी मिली है. एटीएस को पुख्त सबूत मिले हैं कि इस गिरोह के तार पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पंजाब से जुड़े हैं. इस गिरोह में एक दर्जन से अधिक लोग शामिल है.
मामले का खुलासा करते हुए एटीएस एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि खूंटी थाना क्षेत्र में अंतरराज्यीय गिरोह द्वारा अफीम की तस्करी करने की सूचना मिली. एक टीम का गठन किया गया. गठित टीम ने बीते को खूंटी-मुरहू स्थित एमएस माइल इंडियन ऑयल पेट्रोप पंप के पास तीन लोगों को छापेमारी कर पकड़ा. तलाशी के दौरान आरोपियों के पास से अफीम बरामद की गई. पूछताछ में तस्करों ने पुलिस को बताया कि वे अफीम की तस्करी करने के लिए जा रहे थे. पूछताछ में एटीएस को यह भी जानकारी मिली कि गिरोह के कई सदस्य खूंटी में हैं. जिसकी तलाश में एटीएस की टीम लगातार छापेमारी कर रही है.
खुद अफीम पहुंचाने पर दोगुना कीमत लेते हैं तस्कर
एटीएस अधिकारियों के अनुसार अंतरराज्यीय गिरोह के सदस्य गांव में घूम-घूमकर सस्ती कीमत में अफीम इकह्वा करते हैं. इसके बाद अफीम पंजाब और यूपी भेज देते हैं. अधिकारियों के अनुसार तस्कर अगर खुद पंजाब व यूपी अफीम पहुंचाते हैं तो वे लोगों से दोगुनी कीमत लेते हैं. खूंटी में आकर अफीम खरीदने वालों को डेढ़ लाख रुपए प्रति किलो के हिसाब से उन्हें देते हैं. एटीएस को यह भी पता चला कि तस्कर कई बार हजारीबाग तक अफीम भेज देते हैं, वहां से गिरोह के अन्य सदस्य यूपी तक अफीम पहुंचा देते हैं.
सजा काटकर निकलते ही फिर से जुड़ गया तस्करी में
इस गिरोह के सदस्य विरेंद्र दांगी को अफीम की तस्करी करने पर दस साल की सजा हुई थी. सजा काटने के बाद विरेंद्र जेल से हाल के दिनों में ही बाहर निकला था. इसके बाद वह गिरोह में फिर से शामिल हो गया और अफीम की तस्करी में जुड़ गया.
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