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पंचायती सचिव तर्कपूर्ण आदेश दें
झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में को पेसा कानून को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अदालत को बताया गया कि नए पेसा कानून के कई प्रावधानों को लेकर उनकी ओर से पंचायती राज्य सचिव के यहां आपत्ति दर्ज कराई है. इस पर अदालत ने पंचायती सचिव को आपत्ति पर विचार कर तर्कपूर्ण आदेश पारित करने का निर्देश दिया.
मामले में अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी. इस संबंध में आदिवासी बुद्धिजीवी मंच सहित अन्य की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. पिछली सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य सरकार ने पेसा कानून बना ली है, लेकिन इस मामले में किसी से आपत्ति नहीं मांगी गई थी. अदालत ने उन्हें पंचायती राज सचिव के यहां सात दिनों में आपत्ति दर्ज कराने की छूट प्रदान की थी. इसी आधार पर उनकी ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई है. मामले में वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार व तान्या सिंह ने प्रार्थियों की ओर से पक्ष रखा है.
कुरमी को एसटी में शामिल किया जाए
कुरमी-कुड़मी (महतो) समन्वय समिति झारखंड ने टोटेमिक कुरमी समाज को अनुसूचित जनजाति में दर्ज करने के लिए झारखंड सरकार को ज्ञापन सौंपी है. समिति ने यह ज्ञापन अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण सचिव को सौंपी. सचिव को बताया गया कि 2004 में झारखंड के तत्कालीन सीएम अर्जुन मुंडा ने कुरमी को एसटी दर्जा देने की सिफारिश की थी.
प्रतिनिधिमंडल में लालचंद महतो, निताई चंद महतो, उपेंद्र नारायण सिंह, जगदीश कुमार महतो, महादेव महतो, मथुरा प्रसाद, हीरालाल शंखवार, सुरेश कुमार महतो उपस्थित थे.
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