झारखंड

Ranchi: दिवाली पर रांची में खूब छूटे पटाखे, जहरीली हुई हवा

Tara Tandi
1 Nov 2024 2:13 PM GMT
Ranchi: दिवाली पर रांची में खूब छूटे पटाखे, जहरीली हुई हवा
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Ranchi रांची : प्रशासन की तमाम बंदिशों व दिशा-निर्देशों के बावजूद राजधानी रांची में दिवाली की रात खूब पटाखे छूटे. इससे ध्वनि प्रदूषण तो बढ़ा ही, शहर की हवा भी जहरीली हो गई. हवा में PM 10, PM 2.5, सल्फर डाइऑक्साइड ( SO2) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) जैसी जहरीली गैसें फैल गईं. प्रदूषण विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 24 से 31 अक्टूबर की रात तक शहर में प्रदूषण तेजी से बढ़ा है. 24 से 25 अक्टूबर के बीच PM 10 138.34, PM 2.5 66.65, SO2 18.94, NO2 27.99 थी, जिसका स्तर 30-31 अक्टूबर को बढ़कर PM 10 251.56, PM 2.5 127.63, SO2 44.27, NO2 63.23 पहुंच गया. 31 अक्टूबर व एक नवंबर की दरम्यानी रात तक PM 10 404.7, PM 2.5 198.3, SO2 44.13, NO2 71.80 पहुंच गया.
आंकड़ों के अनुसार पुराने हाईकोर्ट, तुपुदाना इंडस्ट्रियल एरिया व राजधानी के अल्बर्ट एक्का चौक क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण में 6 डेसिबल तक वृद्धि दर्ज की गई. वहीं, अशोक नगर इलाके में 31 अक्टूबर की रात 8 से 9 बजे के बीच औसत से 14 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि आंकी गई.
क्या है PM 10, PM 2.5, SO2 और NO2
पीएम10 (पार्टिकुलेट मैटर) हवा में प्रदूषण का कण है जो ठोस कणों और तरल बूंदों को संदर्भित करता है. इन कणों का व्यास 10 माइक्रोमीटर से भी छोटा होता है. सांस के जरिए ये कण शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं.
PM2.5 कण सूक्ष्म ठोस या तरल बूंदें हैं जिनका व्यास 2.5 माइक्रोन या उससे कम होता है. ये इतने छोटे होते हैं कि सांस के जरिए फेफड़ों में गहराई तक चले जाते हैं. यहां तक कि रक्तप्रवाह में भी प्रवेश कर जाते हैं.
नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) एक अत्यधिक संक्षारक और अम्लीय गैस है, जो स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिए काफी हानिकारक है.
सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) सांस के साथ शरीर में प्रवेश कर ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती है. इससे नाक, गले और फेफड़ों में जलन की शिकायत हो सकी है. इससे खांसी, घरघराहट, कफ और अस्थमा का दौरा भी पड़ सकता है.
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