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स्थानीय पदाधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर मैंने एकनाथ शिंदे गुट का थामा दामन
औरंगाबाद : पिछले कई सालों से शिवसेना (Shiv Sena) के स्थानीय नेता (Local Leaders) मुझे पार्टी में स्थान देने से कन्नी काटकर मुझ पर अन्याय (Injustice) कर रहे थे। मुझ पर झूठा पार्टी विरोधी कार्रवाइयां करने का आरोप लगाकर हाल ही में पार्टी से निकाला गया। इससे तंग आकर मजबूरन मैंने शिवसेना से बगावत (Rebellion) किए एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट का दामन थामने का निर्णय लिया। यह स्पष्टीकरण युवा सेना के पूर्व पदाधिकारी और शहर के पूर्व डिप्टी मेयर राजेन्द्र जंजाल (Rajendra Janjal) ने आयोजित प्रेस वार्ता में दिया।
बता दे कि शिवसेना से बगावत करने वाले 50 विधायकों में औरंगाबाद पश्चिम के विधायक संजय सिरसाठ भी शामिल है। गत सप्ताह सिरसाठ लंबे समय के बाद औरंगाबाद पहुंचे थे, तब उनका राजेन्द्र जंजाल समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया था। तभी से शिवसेना के स्थानीय पदाधिकारी जंजाल को पार्टी से हटाने के लिए डटे हुए थे। आयोजित प्रेस वार्ता में जंजाल ने बताया कि पिछले कई सालों से शिवसेना के स्थानीय पदाधिकारी पार्टी के हर कार्यक्रम से मुझे दूर रख रहे थे। बल्कि, पार्टी के कई संगठनात्मक कार्यक्रमों में मुझे अनदेखी की गई। जिसके चलते मैं पिछले 6 महीने से काफी आहत था।
उद्धव की सभा के लिए मेरे साथ किया गया दुर्व्यवहार
एक सवाल के जवाब में पूर्व डिप्टी मेयर जंजाल ने बताया कि गत महीने शहर में शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की जनसभा का आयोजन किया गया था। सभा के लिए 250 वाहनों का बेड़ा लेकर मैं और मेरे कार्यकर्ता सभा स्थल पहुंचे थे। जनसभा के लिए तैयार किए गए मंच पर बैठने के लिए मुझे पुलिस ने परमिशन देकर पास दिया था। विशेषकर, मंच पर मेरे लिए कुर्सी आरक्षित थी। परंतु, स्थानीय पदाधिकारियों ने यहां भी मेरे साथ अन्याय करते हुए मुझे उद्धव ठाकरे की सभा के मंच पर नहीं आने दिया। जिसके चलते उद्धव ठाकरे की सभा में मुझे निचे बैठना पड़ा। जंजाल ने शिवसेना के वरिष्ठ नेता चन्द्रकांंत खैरे पर अपना खुलकर गुस्सा निकालते हुए कहा कि अपने बेटे की राजनीतिक भविष्य सुरक्षित करने के लिए उनके इशारे पर ही स्थानीय पदाधिकारियों ने मेरी प्रताड़ना की। इसलिए में गत 6 महीने से पार्टी के कार्यक्रमों से पूरी तरह दूर रहा।
बाल ठाकरे स्मारक के कार्यक्रम का न्योता भी मुझे नहीं मिला था
शहर में बाल ठाकरे स्मारक के निर्माण के लिए मैंने महानगरपालिका की आम सभा में अशासकीय प्रस्ताव लाकर उसे पारित करवाया। उस समय कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और एमआईएम ने कड़े विरोध के बावजूद मैंने यह प्रस्ताव पारित करवाने में अहम भूमिका निभाई। उसके बाद बाल ठाकरे स्मारक का निर्माण कार्य तत्काल शुरु करने के लिए अधिकारियों पर सख्त दबाव बनाया। स्मारक के निर्माण के लिए कई प्रयास करने के बावजूद मुझे ही स्मारक के भूमिपूजन कार्यक्रम का न्योता खैरे और अन्य पदाधिकारियों ने मुझे न देकर कार्यक्रम से दूर रखा। कुछ महीने पूर्व शहर के क्रांति चौक में शिवाजी महाराज की प्रतिमा की उंचाई बढ़ाकर स्थापित की गई नई प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम से भी मुझे दूर रखा गया। बल्कि, मैंने कई बार महानगरपालिका की आम सभा में शिवाजी महाराज की प्रतिमा उंची करने के लिए आवाज उठाई थी। अंत में जंजाल ने आरोप लगाया कि पिछले कई सालों से पार्टी के स्थानीय नेताओं के अन्याय से कई शिवसैनिक काफी खफा है।

Rani Sahu
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