झारखंड

राख की रखवाली में रेलवे ने एक साल में 15 लाख रुपए किए खर्च, जानें पूरा मामला

Renuka Sahu
17 March 2022 4:05 AM GMT
राख की रखवाली में रेलवे ने एक साल में 15 लाख रुपए किए खर्च, जानें पूरा मामला
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ऐसे तो रेलवे की करोड़ों-अरबों रुपए की संपत्ति बिना सुरक्षा जहां-तहां पड़ी हुई है, लेकिन हिल कॉलोनी में राख की रखवाली के लिए रेलवे ने एक साल में 15 लाख रुपए बहा दिया।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | ऐसे तो रेलवे की करोड़ों-अरबों रुपए की संपत्ति बिना सुरक्षा जहां-तहां पड़ी हुई है, लेकिन हिल कॉलोनी में राख की रखवाली के लिए रेलवे ने एक साल में 15 लाख रुपए बहा दिया। एक साल पहले हिल कॉलोनी में रेल एसपी के घर की बाउंड्री के पास रखे केबल के बंडलों में आग लग गई थी। केबल जल कर राख में तब्दील हो चुका है। इन मलबों को हटा कर अन्यत्र रखने की जगह तीनों शिफ्टों में आरपीएफ के जवान इसकी पहरेदारी कर रहे हैं।

12 महीनों में सिर्फ जले हुए केबल की सुरक्षा के लिए रेलवे आरपीएफ जवानों को वेतन के मद में 15 लाख रुपए से अधिक का भुगतान कर चुका है। पहले कुछ दिनों तक कहा जाते रहा कि केबल अग्निकांड की जांच मुख्यालय की टीम करेगी। इसलिए मलबों को नहीं हटाया जा रहा है। अब सवाल उठता है कि जांच कबतक होगी और कब तक आरपीएफ जवानों को राख की देखवाली के लिए वेतन दिया जाता रहेगा। अभी भी हिल कॉलोनी में जहां-तहां केबल ड्रम ऐसे रखा है। कोई यह बताने की स्थिति में नहीं है कि आखिर कब तक मलबा सड़क पर पड़ा रहेगा और आरपीएफ के जवान अपने मूल काम छोड़ कर रक्षा करते रहेंगे। रास्ते पर केबल का राख पड़ा रहने से कर्मियों और परिजनों को घूम कर दूसरे रास्ते से स्टेशन जाना पड़ रहा है। रेलवे पुलिस की बैरक के बगल का रास्ता आम रास्ता बना है।
धू-धू कर जल गया था करोड़ों का केबल
रेलवे के कंस्ट्रक्शन विभाग (सिग्नल एंड टेलीकॉम) ने नई लाइन बिछाने के लिए केबल का ड्रम मंगाया था। पांच मार्च 2021 को यहां रखे केबल ड्रम धू-धू कर जल उठे थे। धुएं का गुब्बार ऐसा था कि धनबाद के किसी कोने से उसे देखा जा सकता था। 13 घंटे तक कड़ी मशक्कत के बाद अग्निशमन विभाग ने केबल ड्रम की आग पर काबू पाया था। करीब 400 केबल ड्रम जल कर मलबों के ढेर बन गया था। आग से रेलवे को पांच करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया था। यह अब परेशानी का सबब बनता जा रहा है।
केबल के तांबे की हो रही सुरक्षा
अगलगी में केबल का ऊपरी हिस्सा भले जल गए हों लेकिन अंदर का तांबा अभी बचा है। तांबा चोरी न हो जाए इसलिए आरपीएफ जवानों को तैनात किया जाता है। हालांकि रेलवे ने इस घटना के बाद भी सीख नहीं ली।
कॉलोनी के लोगों का बंद हो गया रास्ता
हिल कॉलोनी में जले केबल का मलबा बीच सड़क पर पड़ा है। कई रेल कॉलोनियों को रेलवे स्टेशन से जोड़ने का यह प्रमुख रास्ता है। रेल कॉलोनियों से रेलकर्मी रास्ते से अपनी ड्यूटी के लिए स्टेशन पहुंचते थे।
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