भागलपुर न्यूज़: ईस्टर्न रेलवे जोन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए लगातार काम कर रही है. यही नहीं इसके लिए अपने डिवीजन क्षेत्रों में वाटर हार्वेस्टिंग प्वाइंट के लिए जगह तलाश रही है. इसके साथ जिन स्थानों पर जगह मिली है, वहां ऐसे प्वाइंट तैयार किए गए हैं, ताकि वर्षा जल को इकट्ठा किया जा सके.
इसके लिए जोन के जनरल मैनेजर (जीएम) अमर प्रकाश द्विवेदी ने भी मालदा, हावड़ा, सियालदाह और आसनसोल डिवीजन को निर्देश जारी किया है. उन्होंने कहा है कि जो प्वाइंट पहले से हैं, उसका बेहतर तरीके से रखरखाव करें. ईस्टर्न रेलवे के मुताबिक अब तक जोन के चारों डिवीजन 240 स्थानों पर वाटर हार्वेस्टिंग प्वाइंट तैयार किए गए हैं. इसमें मालदा डिवीजन में 38 प्वाइंट, हावड़ा डिवीजन में 19 प्वाइंट, सियालदह डिवीजन में 92 प्वाइंट, आसनसोल डिवीजन में 73 प्वाइंट, लिलुआ वर्कशॉप में 2 प्वाइंट, कांचरापाड़ा वर्कशॉप में 11 प्वाइंट और जमालपुर वर्कशॉप में 5 प्वाइंट तैयार किए गए हैं.
भू-जल और जैव विविधता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से रेलवे की पहल है. वर्षा के पानी को इकट्ठा करने के उद्देश्य से इस तरह का कार्य किया जा रहा है. पूर्व से जिन स्थानों प्वाइंट तैयार किए गए हैं, वहां मानसून में बारिश के पानी ज्यादा से ज्यादा इकट्ठा हो रहा है. उससे रेलवे अपने कार्य क्षेत्र में पानी की पूर्ति भी कर रहा है. इस तरह के और भी योजनाएं जोन स्तर पर तैयार की जा रही है. जिससे पानी की बचत हो सके. इसके लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की भी मदद ली जा रही है. अब तक जोन में 14 ट्रीटमेंट प्लांट हैं. जहां 16 मिलियन लीटर प्रति दिन ट्रीटमेंट हो रहा हैं.