झारखंड

पूजा सिंघल मामले पर रघुवर दास ने हेमंत सोरेन पर साधा निशाना, बोले- भ्रष्टाचार की गंगोत्री ऊपर से नीचे की ओर बह रही

Renuka Sahu
20 May 2022 4:17 AM GMT
Raghuvar Das targeted Hemant Soren on Pooja Singhal case, said - Gangotri of corruption is flowing from top to bottom
x

फाइल फोटो 

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गुरुवार को यह स्वीकार किया कि ईडी द्वारा गिरफ्तार राज्य की खनन सचिव पूजा सिंघल को उनकी सरकार के दौरान मनरेगा में कथित भ्रष्टाचार मामले में क्लीन चिट मिली थी.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास (Raghubar Das) ने गुरुवार को यह स्वीकार किया कि ईडी द्वारा गिरफ्तार राज्य की खनन सचिव पूजा सिंघल को उनकी सरकार के दौरान मनरेगा में कथित भ्रष्टाचार मामले में क्लीन चिट मिली थी. पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दास ने कहा कि पूजा सिंघल (Pooja Singhal) के खिलाफ उनकी सरकार ने तत्कालीन अपर मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक समिति से विभागीय जांच कराई थी. उस समय उनके खिलाफ उचित साक्ष्य नहीं मिलने पर समिति ने क्लीन चिट दी थी, जिसे उनकी सरकार ने स्वीकार कर लिया था. हाल ही में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने कहा था कि पूजा सिंघल को मनरेगा में कथित भ्रष्टाचार के मामले में पिछली रघुवर दास सरकार ने क्लीन चिट दी थी.

पूर्व मुख्यमंत्री दास ने साथ ही कहा कि अब जबकि ईडी को पूजा सिंघल के खिलाफ भ्रष्टाचार के पर्याप्त सबूत मिल चुके हैं तो कार्रवाई पर किसी को गुरेज नहीं होना चाहिए. दास ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार राज्य की खनन सचिव पूजा सिंघल के करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार में सीधे तौर पर मुख्यमंत्री कार्यालय शामिल है और इस मामले में अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी बच नहीं सकते.
भ्रष्टाचार की गंगोत्री ऊपर से नीचे की ओर बहती है
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार की गंगोत्री उपर से नीचे की ओर बहती है और झारखंड में हुए करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार में यही हुआ है. अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस भ्रष्टाचार से दामन छुड़ा नहीं सकते. साथ ही दास ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी और भाजपा की लड़ाई मुख्यमंत्री सोरेन को पद से हटाने की नहीं है, बल्कि यह लड़ाई झारखंड एवं इसके जल, जंगल और जमीन को बचाने की है.
करोड़ो रुपये के भ्रष्टाचार का है मामला
सिंघल को ईडी ने तीन दिनों तक लंबी पूछताछ के बाद 11 मई को करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार कर लिया था. सिंघल पर खूंटी जिले में उपायुक्त के कार्यकाल के दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में किये गये कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में ईडी ने कार्रवाई की है. विधानसभा भवन एवं झारखंड उच्च न्यायालय के भवन के निर्माण में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच हेमंत सरकार द्वारा न्यायिक आयोग से करवाने के फैसले को लेकर दास ने कहा कि पांच सालों के मेरे कार्यकाल में एक पैसे का भी भ्रष्टाचार नहीं हुआ है… मुख्यमंत्री जितने कमीशन बनाने चाहें बना लें, उन्हें कुछ नहीं मिलने वाला क्योंकि सांच को कोई आंच नहीं होती.
Next Story