धान खरीद होने के बाद आई कोटे की याद, 3.5 लाख क्विंटल धान खरीद के बाद आया आदेश
धनबाद न्यूज़: 15 नवंबर से धान की खरीद सरकारी समर्थन मूल्य पर लैम्पस के माध्यम से हो रहा है. परंतु अचानक राज्य खाद्य निगम को यह याद आया है कि धान की खरीद में लैम्पस का कोटा तय होना चाहिए. इसे देखते हुए 10 फरवरी को लैमपस वार कोटा जारी किया गया है.
परंतु इसका मजेदार पहलू यह है कि 40 में से करीब 11 लैम्पस ऐसे हैं, जो पहले ही खरीद का लक्ष्य पार कर चुके हैं. उनके लिए समस्या यह है कि वहां अभी और किसान बचे हुए हैं, जिन्हें धान बेचना है. वे लगातार आ रहे हैं जिससे समस्या उत्पन्न हो गई है. इस मामले में जिला सहकारिता पदाधिकारी विजय प्रताप तिर्की की परेशानी बढ़ गई है, क्योंकि लैम्पस उन्हीं से शिकायत कर रहे हैं.
जिले के लैम्पस के लिए धान खरीद का कोटा तब आया है, जब करीब साढ़े तीन लाख क्विंटल धान की खरीद हो चुकी है. वर्तमान में 3.61 लाख क्विंटल धान की खरीदारी की रिपोर्ट है. पूर्वी सिंहभूम जिले को राज्य में सर्वाधिक पांच लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य दिया गया है. 40 लैम्पस इस काम में लगे हैं. इनमें से 11 लैम्पस का लक्ष्य एक से चार हजार क्विंटल के बीच है.
इन लैम्पस का कोटा कम तय किया गया है बहरागोड़ा पाथरी 1000, धालभूमगढ़ मोहलीशोल 2000,
घाटशिला बांकी,4000, मुसाबनी बेनाशोल 1500, मुसाबनी उ. बादिया 1200, मुसाबनी कोइलीसुता 1000, मुसाबनी बड़ा बोतला 4000, डुमरिया खैरबनी 2000, बोड़ाम बोड़ाम 3000, पटमदा गोबरघुसी, 4000
पोटका आसनबनी 1000, पोटका चाकड़ी 2500 तय किया गया है. इसकी जानकारी सभी को दे दी गई है.