धनबाद न्यूज़: बीसीसीएल के बरोरा एरिया समेत कोल इंडिया की अन्य अनुषंगी कंपनियों में पांच ओबी से बालू बनाने का प्रोजेक्ट 2024 तक स्थापित किया जाएगा. कोयला मंत्रालय ने कोल कंपनियों के साथ समीक्षा के बाद यह रिपोर्ट जारी की है.
ओबी से बालू प्रोजेक्ट पर कोयला मंत्रालय गंभीर है. फिलहाल डब्ल्यूसीएल एवं एनसीएल में 4250 क्यूबिक मीटर का ओबी टू सैंड प्रोजेक्ट संचालित है.
प्रस्तावित पांच नए प्रोजेक्ट से 5500 क्यूबिक मीटर प्रतिदिन बालू का उत्पादन होगा. बीसीसीएल के बरोरा एरिया में स्थापित होने वाले प्रोजेक्ट से प्रतिदिन एक हजार क्यूबिक मीटर बालू का उत्पादन होगा.
● डब्ल्यूसीएल में बल्लारपुर व दुर्गापुर में 2000 व 1000 क्यूबिक मीटर प्रतिदिन उत्पादन का, मई 2023 में शुरू होगा
● एसईसीएल के मानिकपुर में 1000 क्यूबिक मीटर क्षमता का, फरवरी 2024 में उत्पादन होगा
● सीसीएल के कथारा में 500 क्यूबिक मीटर दिसंबर 2023 में ऑपरेशनल
● बीसीसीएल के बरोरा एरिया में 1000 क्यूबिक मीटर का प्रोजेक्ट जुलाई 2024 में शुरू होगा
ओबी टू सैंड के फायदे
● प्राकृतिक रेत के उपयोग की तुलना में ओबी रेत की लागत कम, आकार एक समान
● प्राकृतिक रेत का उपयोग कम होने से पर्यावरण संरक्षण व चैनल बेड और किनारों का क्षरण कम होगा
● अधिक कोणीय होती है और इसकी सतह खुरदरी होती है, जो इसे निर्माण परियोजनाओं के लिए अधिक व्यावहारिक बनाती है
● ओबी डंपों द्वारा कब्जा की गई भूमि को वैकल्पिक उपयोगी उद्देश्यों के लिए मुक्त होगा