खूंटीः एनएच 75 ई यानी रांची खूंटी मुख्य मार्ग पर आए दिन हादसे हो रहे हैं. इसकी बड़ी वजह सड़क का खस्ताहाल होना है. इसके बावजूद सड़क बनवान पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. छह माह पूर्व एनएच की रिपेयरिंग कराई गई थी, लेकिन बारिश में सड़क बद से बदतर हो गई. हाल यह है कि ईटीवी भारत की टीम को रांची के हुलहुंडू से एनएच 75ई पर महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर 100 से अधिक गड्ढे बने हैं, जबकि तुपुदाना थाने के पास तीन ठोकर भी बने हैं. इसी खस्ताहाल सड़क पर आम लोग चलने के लिए मजबूर हैं.
बता दें कि रांची-खूंटी एनएच 75 ई सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है. रांची के हुलहुंडू सेक्रेड हार्ट स्कूल के पास तो सड़क पर घुटने भर के बराबर गहरे गड्ढे बन गए हैं. यह स्थिति कालामाटी जोड़ा पुल तक है. अब बारिश के दिनों में यहां जलजमाव होने लगा है, जिसके कारण यात्री वाहनों, कार, बाइक, ऑटो को चलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यहां तक कि पैदल यात्री भी जलजमाव से परेशान होते हैं. हाल यह है कि इन गड्ढों में गाड़ियों के फंसने पर उनका निकलना मुश्किल हो जाता है. कई बार इससे जाम तक की स्थिति बन जाती है.
कांवड़ियों का आना-जाना पिछले वर्ष इस खस्ताहाल सड़क पर 7 मजदूरों की दुर्घटना में जान चली गई थी. एनएच 75 ई पर लगातार प्रशासनिक अधिकारियों, विधायकों, सचिव और मंत्रियों का आना जाना लगा रहता है. इसके बावजूद रांची-खूंटी सड़क मार्ग की जर्जर हालत पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. यहां तक कि अब सावन का महीना आ गया. चाईबासा, सिमडेगा, खूंटी और गुमला से देवघर और रांची जाने वाले कांवड़ियों को इसी सड़क मार्ग से हिचकोले खाते कीचड़ नुमा मार्ग से जाना पड़ता है.
मरीजों को भी परेशानीः इसी सड़क से तोरपा,रनियां, सिमडेगा, चाईबासा, गुमला के मरीजों को जब गंभीर स्थिति में स्थानीय अस्पतालों से रिम्स रेफर किया जाता है तो एंबुलेंस भी NH-75E पर किसी तरह मरीजों को पहुंचाती हैं. ऐसे में मरीजों की स्थिति और दयनीय हो जाती है. आम आदमी सड़क में बने गड्ढों और जलजमाव से परेशान है.