राँची न्यूज़: झारखंड हाईकोर्ट से बीते 17 दिसंबर को खरीज हुई नियोजन नीति के मामले में हेमंत सरकार का सर्वोच्च न्यायालय जाना मुश्किल लग रहा है. सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर कार्मिक विभाग ने नई नियोजन नीति को अंतिम रूप दे दिया है. जल्द ही नई नियोजन नीति का कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा. कैबिनेट से मुहर लगने के बाद नियुक्तियां शुरू की जाएंगी. इसके साथ ही नियोजन नीति को लेकर चल रही ऊहापोह की स्थिति दूर हो जाएगी.
पिछले दिनों मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने नियोजन नीति पर बैठक कर हर तरह से तैयारी करने का निर्देश कार्मिक विभाग को दिया था. सर्वोच्च न्यायालय जाने पर क्या-क्या हो सकता है और नहीं जाने पर नई नियोजन नीति में क्या-क्या बदलाव करने होंगे. सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री सर्वोच्च न्यायालय जाने पर सहमत नहीं हैं. उनका जोर जल्द नौकरी का रास्ता खोलने पर है. ऐसे में सरकार की ओर नई नियोजन नीति लाने की उम्मीद बहुत बढ़ गई है. सूत्रों के अनुसार सरकार 2016 से पहले की नियोजन नीति पर भी विचार कर रही है.
सूत्रों के अनुसार नई नियोजन नीति में झारखंड स्थित स्कूल से ही न्यूनतम दसवीं या मैट्रिक की परीक्षा पास होने और स्थानीय रीति-रिवाज, भाषा-संस्कृति और परिवेश का ज्ञान होने की शर्तों को हटाया जाएगा. इसके अलावा परीक्षा पैटर्न में अन्य तरह के बदलाव के संकेत नहीं हैं.
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधानसभा के शीतकालीन सत्र में राज्य के युवाओं की मांग के अनुरूप नियोजन नीति बनाने की बात कह चुके हैं.
हाईकोर्ट ने रद्द की थी नियोजन नीति:
झारखंड हाईकोर्ट ने बीते 17 दिसंबर को हेमंत सरकार की नियोजन नीति को रद्द कर दिया था. इसके बाद झारखंड कर्मचारी आयोग द्वारा लिए जाने वाले 20 से अधिक नियुक्ति विज्ञापन रद्द किए गए थे.
युवाओं में नाराजगी देखने को मिली है.