शहर के तीनों निकायों में ई-कचरा प्रबंधन के तहत हो रही है तैयारी
जमशेदपुर न्यूज़: कचरों के ढेर में मिलने वाले एलईडी बल्ब को ठीक कर गरीबों के बीच बांटा जाएगा. ई-कचरा प्रबंधन के तहत इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है. मेदिनीनगर में पॉयलट प्रोजेक्ट लागू किया गया है, जिसे शहर के निकायों में भी लागू करने की योजना है.
वर्तमान में सभी जगह एलईडी बल्ब का प्रयोग हो रहा है. घर, ऑफिस, दुकान एलईडी के प्रकाश से जगमगा रहे हैं. यह बिजली खपत को कम करने के साथ नॉर्मल बल्ब की तुलना में अधिक रोशनी भी देता है. लंबे समय तक टिकाऊ भी होता है. हालांकि, ये नॉर्मल बल्ब की अपेक्षा अधिक महंगा होता है. एक वक्त के बाद एलईडी बल्ब की रोशनी कम होने लगती है या फ्यूज हो जाता है. ऐसे में उपभोक्ता टाइम पीरियड वारंटी के अंदर रिप्लेस करके नया एलईडी बल्ब ले लेते हैं, लेकिन वारंटी समाप्त होने के बाद फ्यूज बल्ब को लोग फेंक देते हैं. ऐसे में टोबेसो कंसल्टेंट एजेंसी ने ई-कचरा प्रबंधन के तहत
पॉयलट प्रोजेक्ट मेदिनीनगर में लागू किया हैं, जहां से जल्द ही जुगसलाई नगर परिषद, मानगो नगर निगम और जेएनएसी क्षेत्रों में भी लागू किया जाएगा. इन बल्बों को उन गरीबों के बीच बांटा जाएगा, जो नया बल्ब खरीदने में असमर्थ हैं. शहर में कचरे के ढेर में हर दिन सौ से अधिक बल्ब मिलते हैं. इन बल्बों को कचरे के ढेर से चुनकर मरम्मत केंद्र ले जाया जाएगा, जहां कम लागत में उसे ठीक किया जा सकेगा.
सिर्फ 10 रुपये से लेकर 25 रुपये में फ्यूज एलईडी बल्ब को ठीक किया जा सकेगा. इसमें एक सर्किट, कुछ ट्रांजिस्टर, कैपेसिटर, ट्रांसफॉर्मर, रेसिस्टेंस, कंडेनसेसर व आईसी लगे होते हैं. लगातार प्रयोग होने से कैपेसिटर व ट्रांजिस्टर फट जाता है.
-सोनी कुमारी, विशेषज्ञ, ठोस कचरा प्रबंधन