झारखंड

गर्भवती महिलाओं को मेडिकल कॉलेज में समझा जाता है एटीएम मशीन

Renuka Sahu
18 March 2024 8:18 AM GMT
गर्भवती महिलाओं को मेडिकल कॉलेज में समझा जाता है एटीएम मशीन
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हजारीबाग जिले का प्रतिष्ठित शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज सह सदर अस्पताल इन दिनों नर्सों की कार्यशैली के कारण ख्याति अर्जित कर रहा है.

हजारीबाग : हजारीबाग जिले का प्रतिष्ठित शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज सह सदर अस्पताल इन दिनों नर्सों की कार्यशैली के कारण ख्याति अर्जित कर रहा है. दरअसल, सनातन संस्कृति में एक परंपरा है गर्भवती महिलाओं की "गोद भराई" की मगर मेडिकल कॉलेज में ठीक इसके उलट हो रहा. यहां "गोद भराई" की परंपरा की जगह "गोद दिलाई" की परंपरा की शुरुवात नर्सों ने शुरू की है. यहां पर प्रसूति विभाग की नर्स गोद दिलाई परंपरा के नाम पर गर्भवती महिलाओं से "गोद दिलाई" टैक्स वसूलती है.

किसी भी गर्भवती महिला के अस्पताल पहुंचने पर नर्सों की बांछे खिल जाती है. अस्पताल पहुंचने वाली हर गर्भवती महिला इन्हे एटीएम मशीन नजर आती. टैक्स के नाम पर प्रसूता की डिलेवरी होने पर प्रति प्रसूता पंद्रह सौ रुपए से ढाई हजार रुपए की वसूली की जाती है. यह सारा पाप सरेआम सिविल सर्जन, अस्पताल सुप्रीटेंडेंट की नाक के नीचे होता है, लेकिन इस परंपरा पर रोक लगाने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं होती.
इस पाप की भागीदार नर्सों की अपनी समस्या है. अगर वो ये पाप नही करे तो उनके घरों में चूल्हा भी नही जलेगा. बता दें कि पूरे कॉलेज की बागडोर आउटसोर्सिंग कंपनियों के हवाले है. ये नर्स भी आउटसोर्सिंग कंपनी की मातहत हैं. इन्हे महीने में दस से बारह हजार रुपए का मामूली वेतन भुगतान किया जाता. वह भी दो तीन महीने के अंतराल में. यही वजह है कि अस्पताल की नर्सों ने अस्पताल में "गोद दिलाई टैक्स" के परंपरा को शुरुवात की है. बार-बार की शिकायत के बावजूद अस्पताल प्रबंधन इस परंपरा को रोक पाने में विफल रहा है.


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