झारखंड में सियासी तूफान, हेमंत सोरेन के खिलाफ बड़ा फैसला ले सकते हैं राज्यपाल रमेश बैस
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड में आसन्न सियासी संकट के बीच कभी भी कुछ भी हो सकता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर लगे संगीन आरोपों पर राजभवन की ओर से कार्रवाई के पर्याप्त आधार की पुष्टि के बाद उनकी कुर्सी लड़खड़ा रही है। वहीं झारखंड में तूफान से पहले की खामोशी छाई है। फिलहाल, सीएम रहते अपने नाम पर खनन पट्टा लेने के आरोप में फंसे हेमंत सोरेन और उनके भाई विधायक बसंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से राज्यपाल रमेश बैस की मुलाकात के बाद से तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। इस बीच राज्यपाल से मिलकर सत्तारूढ़ दल ने कहा है कि भाजपा ने राजभवन को इस मामले में भ्रम में है रखा है। सीएम हेमंत का माइंस मामला लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9ए में नहीं आता। इसलिए राज्यपाल मुख्यमंत्री पर लगे आरोपों पर पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही किसी तरह की कानूनी कार्रवाई करें।