झारखंड

झारखंड में सियासी तूफान, हेमंत सोरेन के खिलाफ बड़ा फैसला ले सकते हैं राज्‍यपाल रमेश बैस

Renuka Sahu
3 May 2022 3:53 AM GMT
Political storm in Jharkhand, Governor Ramesh Bais can take a big decision against Hemant Soren
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फाइल फोटो 

झारखंड में आसन्‍न सियासी संकट के बीच कभी भी कुछ भी हो सकता है। मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन पर लगे संगीन आरोपों पर राजभवन की ओर से कार्रवाई के पर्याप्‍त आधार की पुष्टि के बाद उनकी कुर्सी लड़खड़ा रही है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड में आसन्‍न सियासी संकट के बीच कभी भी कुछ भी हो सकता है। मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन पर लगे संगीन आरोपों पर राजभवन की ओर से कार्रवाई के पर्याप्‍त आधार की पुष्टि के बाद उनकी कुर्सी लड़खड़ा रही है। वहीं झारखंड में तूफान से पहले की खामोशी छाई है। फिलहाल, सीएम रहते अपने नाम पर खनन पट्टा लेने के आरोप में फंसे हेमंत सोरेन और उनके भाई विधायक बसंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से राज्यपाल रमेश बैस की मुलाकात के बाद से तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। इस बीच राज्यपाल से मिलकर सत्तारूढ़ दल ने कहा है कि भाजपा ने राजभवन को इस मामले में भ्रम में है रखा है। सीएम हेमंत का माइंस मामला लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9ए में नहीं आता। इसलिए राज्‍यपाल मुख्यमंत्री पर लगे आरोपों पर पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही किसी तरह की कानूनी कार्रवाई करें।

राज्यपाल ने कहा, हेमंत सोरेन पर कार्रवाई के लिए पर्याप्त हैं दस्‍तावेज
राजभवन के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा अवैध तरीके से खनन पट्टा लेने के मामले में उनपर कार्रवाई का पर्याप्‍त आधार है। लेकिन, इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग से परामर्श ली जा रही है। आयोग का मंतव्‍य मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। इधर सत्तारूढ़ दल ने सीएम हेमंत सोरेन पर संभावित कार्रवाई को देखते हुए मोर्चा खोल रखा है। झामुमो ने साफ कहा है कि बिना हेमंत सोरेन का पक्ष सुने एकतरफा कार्रवाई नहीं की जा सकती। वे इस मामले में न्‍याय के लिए सक्षम अदालत में जाएंगे।
भाजपा, झामुमो में जुबानी जंग तेज
राज्य में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में फिलहाल भाजपा और झामुमो के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्‍यारोप का नया दौर चल रहा है। भगवा लंगोट से लेकर घोर भ्रष्‍टाचारी सरीखे बयान सियासी तपिश बढ़ा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल रमेश बैस ने पूर्व मुख्‍यमंत्री रघुवर दास की ओर से उपलब्‍ध कराए गए दस्तावेजों की जांच करा ली है। चुनाव आयोग को भेजे गए इन दस्‍तावेजों को राज्‍य के मुख्‍य सचिव की ओर से सत्‍यापित किया गया है। ऐसे में इन दस्‍तावेजों को हेमंत सोरेन पर कार्रवाई के लिए पर्याप्त आधार माना जा रहा है। फिलहाल, राज्‍यपाल आयोग से मंतव्य मिलने की राह देख रहे हैं। इसके बाद राजभवन द्वारा संवैधानि‍क प्रावधानों के तहत विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
मुख्‍य सचिव ने सत्‍यापित किए हैं खनन लीज के दस्‍तावेज
बताया गया है कि हेमंत सोरेन के खनन लीज मामले में चुनाव आयोग की ओर से भेजे गए दस्तावेजों का राज्‍य के मुख्‍य सचिव ने सत्‍यापन कर लिया है। मुख्यमंत्री और उनके छोटे भाई दुमका के झामुमो विधायक बसंत सोरेन से संबंधित कागजात पुष्टि के साथ कर भारत निर्वाचन आयोग को भेजा गया है। इन दस्‍तावेजों के मुताबिक हेमंत सोरेन ने पत्थर खनन के लिए रांची के अनगड़ा में खदान आवंटित कराया था। जबकि बसंत सोरेन ग्रैंड माइनिंग नामक खनन कंपनी में पार्टनर बताए गए हैं।
भाजपा ने लगाया है ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का आरोप
हेमंत सोरेन और बसंत सोरेन पर सरकार से दोहरा लाभ लेने का आरोप लगाते हुए भाजपा नेताओं ने इनकी विधानसभा की सदस्यता खत्म करने की मांग की है। बीजेपी की ओर से तर्क दिया गया है कि यह मंत्रियों के लिए जारी आचार संहिता का घोर उल्लंघन है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)(डी) के तहत यह एक आपराधिक कृत्य भी है। राज्यपाल रमेश बैस से मिलने पहुंचे भाजपा नेताओं ने इस मामले में कानूनसम्‍मत कार्रवाई की मांग की थी।
झामुमो ने कहा, हमारी भी सुनिए
सोरेन बंधुओं पर सरकार से दाेहरा लाभ लेने के संगीन आरोपों का झामुमो, कांग्रेस और राजद ने मिलकर बचाव किया है। इस मामले में राज्यपाल से अपेक्षा रखी गई है कि राजभवन की ओर से किसी प्रकार का निर्णय लेने के पहले हेमंत सोरेन का भी पक्ष सुना जाना चाहिए। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भारतीय जनता पार्टी पर मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुआई में चल रही झारखंड सरकार को अस्थिर करने की साजिश का आरोप मढ़ा है।
भाजपा नेताओं का फोड़ेंगे भांडा
बहरहाल, मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन पर खनन पट्टा लेने और कंपनी में साझेदारी के मामले में कार्रवाई की घड़ी बहुत नजदीक आती दिख रही है। भारतीय निर्वाचन आयोग से मंतव्‍य मिलने पर राज्‍यपाल रमेश बैस की ओर से कोई फैसला लिया जाएगा। भाजपा जहां इस मामले को लेकर बेहद आक्रामक है, वहीं झामुमो ने आने वाले दिनों में बीजेपी के कई बड़े नेताओं का भांडा फोड़ने की पेशकश की है।
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